स्वामित्व योजना के विरोध में आदिवासी संगठनों ने की विरोध सभा

जिले में जहां स्वामित्व योजना के तहत झारखंड स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के तकनीकी सहयोग से पायलट प्रोजेक्ट के तहत ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों के जमीन का सीमांकन नवीनतम ड्रोन सर्वे पद्धति से करने की तैयारी की जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 10:30 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 10:30 PM (IST)
स्वामित्व योजना के विरोध में आदिवासी संगठनों ने की विरोध सभा
स्वामित्व योजना के विरोध में आदिवासी संगठनों ने की विरोध सभा

जागरण संवाददाता, खूंटी : जिले में जहां स्वामित्व योजना के तहत झारखंड स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के तकनीकी सहयोग से पायलट प्रोजेक्ट के तहत ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों के जमीन का सीमांकन नवीनतम ड्रोन सर्वे पद्धति से करने की तैयारी की जा रही है। वहीं जिले में इसका विरोध भी शुरू हो गया है। प्रापर्टी कार्ड के विरोध में मंगलवार को आदिवासी-मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच, मुंडारी खूंटकटी परिषद, आदिवासी एकता मंच और ग्राम सभा की ओर से संयुक्त रूप से आमसभा की। आमसभा में जिले के विभिन्न गांवों के ग्राम प्रधानों के अलावा बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। मौके पर उपस्थित लोगों ने एक स्वर में ओते हसा आबुआ, प्रापटी कार्ड काबुआ का नारा लगाया। आमसभा के बाद उपायुक्त के नाम एक मांग पत्र सौंपा गया। ग्रामप्रधानों ने खूंटी जिले में संपत्ति कार्ड बनाने के लिए प्रस्थाति ड्रोन सर्वेक्षण को रोकने की मांग की है।

आंदोलनकारियों की मांग

केंद्र सरकार नई स्वामित्व योजना, प्रापर्टी कार्ड को धरातल पर लागू नहीं किया जाए। सीएनटी-एसपीटी एक्ट, मुंडारी खूंटकटी एवं पांचवीं अनुसूची में प्रावधान कानून को कड़ाई से लागू किया जाए। तीनों नए कृषि कानूनों को रद किया जाए। भूमि बैंक शामिल किए गए गैर मजरूआ आम, गैर मजरूआ खास जमीन को रद किया जाए। क्षेत्र के सभी जलस्रोतों, नदी-नाला का पानी इरिगेशन के तहत पाइप लाइन द्वारा किसानों के खेतों तक पहुंचाया जाए। ऑनलाइन जमीन दस्तावेजों का हो रहे छेड़छाड़ एवं जमीन का हेरा-फेरी बंद किया जाए। किसानों द्वारा लिया गया कृषि लोन माफ किया जाए और किसानों के खेतों से होकर ''प्रस्तावित 'भारत माला सड़क परियोजना को रद किया जाए।

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आदिवासियों के सामुदायिक अधिकार को खत्म करेगा स्वामित्व योजना : दयामनी

प्रापटी कार्ड के लिए किए जाने वाले ड्रोन सर्वेक्षण के विरोध में हुई आमसभा में सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला ने कहा कि वर्तमान में लाया जा रहा स्वामित्व योजना, आदिवासी समुदाय के जल, जंगल, जमीन के सामुदायिक अधिकार को खत्म करेगा, सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक तौर पर प्रतिकूल असर डालेगा। ग्रामीणों के सामुदायिक जमीन का मौद्रिकरण किया जाएगा, इससे ग्रामीण क्षेत्र के जमीन का व्यवसायीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा। इस प्रकार से आदिवासी समाज का सुरक्षा कवच एसपीटी एक्ट स्वत: टुटने लगेगा, पेसा कानून में मिला अधिकार खत्म हो जाएगा, मुंडारी खूंटकटी खत्म हो जाएगी। सभा को अन्य कई वक्ताओं ने भी संबोधित किया।

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