पोस्टर व बैनर लगाने वाले तीन नक्सली भेजे गए जेल

एक करोड़ के इनामी भाकपा माओवादी प्रशांत बोस और उसकी पत्नी शीला मरांडी की गिरफ्तारी के विरोध में भाकपा माओवादी द्वारा बुलाए गए बंद के पूर्व नक्सलियों ने रनिया थाना के सामने समेत अन्य स्थानों पर पोस्टर-बैनर लगाया था।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 10:03 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 10:03 PM (IST)
पोस्टर व बैनर लगाने वाले तीन नक्सली भेजे गए जेल
पोस्टर व बैनर लगाने वाले तीन नक्सली भेजे गए जेल

जाटी, खूंटी/तोरपा : एक करोड़ के इनामी भाकपा माओवादी प्रशांत बोस और उसकी पत्नी शीला मरांडी की गिरफ्तारी के विरोध में भाकपा माओवादी द्वारा बुलाए गए बंद के पूर्व नक्सलियों ने रनिया थाना के सामने समेत अन्य स्थानों पर पोस्टर-बैनर लगाया था। मामले में तीन नक्सलियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने बुधवार को जेल भेज दिया है।

तोरपा के एसडीपीओ ओमप्रकाश तिवारी ने बताया कि 20 नवंबर को इन नक्सलियों ने बुलाए गए भारत बंद के मद्देनजर रनिया चौक सहित अन्य जगहों पर नक्सली पर्चा और बैनर टांग दिया था। एसपी आशुतोष शेखर ने एसडीपीओ ओमप्रकाश तिवारी व तोरपा अंचल के पुलिस निरीक्षक दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में टीम गठित की थी। टीम ने सबसे पहले रनिया थाना क्षेत्र के हतनादा निवासी नियरंजन होरो को गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर हलोम गांव का अजित तोपनो उर्फ काना व तपकरा थाना क्षेत्र के गुटुहातू का मुकेश गुड़िया पकड़े गए। तीनों ने अपनी संलिप्तता स्वीकार ली है। तीनों ने बताया कि गुदड़ी थाना अंतर्गत टेमना के रहने वाले रितेश लुगुन के नेतृत्व में उन्होंने पोस्टर व बैनर लगाया था। वह भाकपा माओवादी से 10 वर्षो से जुड़ा है। पुलिस ने नियरजन, अजित व मुकेश के पास से नक्सली पर्चा व दो मोबाइल भी बरामद किया है। एसडीपीओ ने बताया कि बंदी के पूर्व मुकेश गुड़िया के घर नक्सली बैनर-पर्चे छिपा कर रखे गए थे। बहरहाल नक्सलियों को गिरफ्तार करने वाली टीम में एसडीपीओ के अलावा सीआरपीएफ 94 बटालियन के सहायक समादेष्टा राजेंद्र भंडारी, इंस्पेक्टर दिग्विजय सिंह, रनिया थाना प्रभारी रोशन सिंह, एसआइ संदीप सिंह, एसआइ निशांत केरकेट्टा, तोरपा, रनिया व सीआरपीएफ 94 बटालियन के सशस्त्र बल के जवान शामिल थे।

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