जिले में नहीं है एआरटी सेंटर, 11 वर्षों में मिले 84 एड्स पीड़ित

जिले में एड्स के नए मरीज हर साल मिल रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 07:52 AM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 07:52 AM (IST)
जिले में नहीं है एआरटी सेंटर, 11 वर्षों में मिले 84 एड्स पीड़ित
जिले में नहीं है एआरटी सेंटर, 11 वर्षों में मिले 84 एड्स पीड़ित

जागरण संवाददाता, खूंटी : जिले में एड्स के नए मरीज हर साल मिल रहे हैं। जिला प्रशासन की जागरूकता अभियान के बावजूद नए मरीजों के मिलने का सिलसिला हर साल जारी है। इस वर्ष अबतक जिले में पांच एचआइवी पॉजिटिव मिले हैं। खूंटी सदर अस्पताल में स्वैच्छिक जांच एवं परामर्श केंद्र की स्थापना वर्ष 2008 में हुई है। दो वर्षो तक यहा एचआइबी का एक भी मामला सामने नहीं आया था। केंद्र में गर्भवती महिलाओं की एचआइबी जांच भी की जाती है। अबतक पूरे जिले में 84 एड्स संक्रमितों की पहचान की गई है। यह आंकड़ा 2010 से अबतक का है। सरकार की ओर से सभी को निश्शुल्क दवा देने के साथ स्वास्थ्य संबंधी सलाह दी जाती है। जागरूकता के अभाव और लोक-लाज के कारण लोग एचआइबी जांच कराने में झिझकते हैं। बंदिशों के कारण इसके लिए अलग से शिविर भी नहीं लगाया जाता है। जिले में अबतक मिले संक्रमितों का आंकड़ा स्वैच्छिक जांच का नतीजा है। जागरूकता और प्रचार के अभाव में लोगों को शुरूआत में लक्षणों की पहचान नहीं हो पाती जिस कारण एचआइवी का संक्रमण बढ़ता जाता है। जब पता चलता है उस समय तक संक्रमण पूरी तरह फैल चुका होता है। एचआइवी की जांच के बाद ही इसका सही पता चल पाता है।

जिले में नहीं है एआरटी सेंटर

खूंटी जिले में एड्स मरीजों के उपचार की सुविधा नहीं है। जिले में अबतक एंटीरेट्रो वायरल थेरेपी यानी एआरटी सेंटर नहीं बना है। खूंटी जिले को रांची स्थित रिम्स से टैग किया गया है। जिले के एड्स मरीजों को रिम्स स्थित एआरटी सेंटर में जाकर अपना इलाज कराना पड़ता है और उन्हें रिम्स से ही दवा दी जाती है।

बराबर है मरीजों का अनुपात

खूंटी जिले में अबतक मिले एड्स संक्रमितों का अनुपात लगभग समान है। जिला क्षेत्र में अबतक मिले एचआइबी संक्रमितों में 43 पुरूष व 41 महिला शामिल है। इनमें वैसे लोग अधिक है जो रोजगार के लिए जिले से बाहर जाते हैं। मरीजों में सैनिक भी शामिल है। वैसे संक्रमितों में सभी वर्ग के लोग शामिल हैं।

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मरीजों को मिलती है पेंशन

एड्स संक्रमितों को सरकार की ओर से पेंशन दिया जाता है। कल्याण विभाग की ओर से संक्रमितों को एक हजार रुपये प्रतिमाह देने का प्रावधान है। इसके साथ ही मरीजों को एआरटी सेंटर में निश्शुल्क इलाज के साथ दवा दी जाती है। स्वैच्छिक जांच एवं परामर्श केंद्र में मरीजों को स्वास्थ्य संबंधी सलाह भी दी जाती है।

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बंद है जागरूकता अभियान

कोरोना वायरस संक्रमण के कारण जिले में अब एड्स नियंत्रण को लेकर चलाया जाने वाला जागरूकता अभियान बंद है। कोरोना संक्रमण काल के पूर्व जिले में एड्स नियंत्रण के लिए जगह-जगह जागरूकता अभियान चलाया जाता था। इस कार्य में स्वास्थ्य विभाग को विभिन्न गैर सरकारी संगठनों का सहयोग रहता था।

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कोट :-

एचआइवी की जांच कराने में किसी तरह का संकोच न करें। एचआइवी संक्रमण से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। इसकी जानकारी मिलते ही चिकित्सक की सलाह लेकर उपचार कराएं और नियमित रूप से दवा ले। समय पर दवा खाने और संतुलित व संयमित जीवन शैली अपनाने से पीड़ित व्यक्ति लंबे समय तक स्वस्थ जीवन जी सकता है।

- कामख्या नारायण सिंह, परामर्शदात्री, स्वैच्छिक जांच एवं परामर्श केंद्र, खूंटी

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जिला में मिले एचआइबी संक्रमितों की संख्या

वर्ष - संख्या

2010 - 14

2011 - 11

2012 - 03

2013 - 06

2014 - 05

2015 - 06

2016 - 03

2017 - 10

2018 - 05

2019 - 09

2020 - 07

2021 - 05 अबतक

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