औषधीय पौधों की खेती के लिए उपायुक्त ने ग्रामीणों को किया प्रोत्साहित

खूंटी जिले में हजारों एकड़ वैसे जमीन जिस पर सिचाई सुविधा के अभाव में दशकों से खेती नहीं हो रही है वैसे जमीन पर जिला प्रशासन लेमनग्रास की खेती करने के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहन और सहयोग प्रदान कर रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 09:52 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 09:52 PM (IST)
औषधीय पौधों की खेती के लिए उपायुक्त ने ग्रामीणों को किया प्रोत्साहित
औषधीय पौधों की खेती के लिए उपायुक्त ने ग्रामीणों को किया प्रोत्साहित

जागरण संवाददाता, खूंटी : खूंटी जिले में हजारों एकड़ वैसे जमीन जिस पर सिचाई सुविधा के अभाव में दशकों से खेती नहीं हो रही है, वैसे जमीन पर जिला प्रशासन लेमनग्रास की खेती करने के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहन और सहयोग प्रदान कर रही है। इसका शुभारंभ मंगलवार को जिले के उपायुक्त शशि रंजन ने खूंटी सदर प्रखंड के मारंगहादा में लेमनग्रास के पांच पौधे लगाकर किया। जहां मौजूद किसानों को उन्होंने मारंगहादा समेत आसपास के गांवों में भी लेमनग्रास की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि किसान जितनी जमीन पर लेमनग्रास लगा सकते हैं, लगाऐं, जिला प्रशासन सहयोग करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि जिले के टांड़ जमीन पर इस वर्ष जेएसएलपीएस और सेवा वेलफेयर सोसाइटी के माध्यम से सात से लेमनग्रास की खेती की जा रही है। इससे बेकार पड़े जमीन का उपयोग हो रहा है, साथ ही किसान को आमदनी भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुरहू के सुरूंदा में लेमनग्रास से तेल निकालने के लिए आसवन केंद्र स्थापित किया गया है। जहां लोग लेमनग्रास लेकर आ रहे हैं और तेल लेकर जा रहे हैं। उपायुक्त ने कहा कि जहां ज्यादा ग्रामीण अधिक जमीन पर लेमनग्रास की खेती करेंगे, वहां तेल निकालने के लिए आसवन केंद्र लगाने का काम जिला प्रशासन करेगा। इसकी खेती, तेल निकालने और बाजार उपलब्ध कराने में किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। इस अवसर पर मारंगहादा के किसान भोंज नाग ने कहा कि पहले हम जमीन के लिए लड़े थे, अब जमीन से लडें़गे। गांव में कहीं भी जमीन अब खाली नहीं रहेगी। हर खाली पड़े भूमि पर लेमनग्रास की खेती होगी।

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