छात्र-छात्राओं की बहुआयामी विकास व शिक्षण व्यवस्था को करें सु²ढ़ : उपायुक्त

छात्र-छात्राओं के बहुआयामी विकास व शिक्षण व्यवस्था को सु²ढ़ करने की ज रूरत है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 08:34 AM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 08:34 AM (IST)
छात्र-छात्राओं की बहुआयामी विकास व शिक्षण व्यवस्था को करें सु²ढ़ : उपायुक्त
छात्र-छात्राओं की बहुआयामी विकास व शिक्षण व्यवस्था को करें सु²ढ़ : उपायुक्त

जागरण संवाददाता, खूंटी : छात्र-छात्राओं के बहुआयामी विकास व शिक्षण व्यवस्था को सु²ढ़ करने के लिए सामूहिक रूप से सफल प्रयास करने की आवश्यकता है। विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के अकादमिक सफलता के साथ-साथ इनका विकास सुनिश्चित कर इन्हें उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर करना ही मुख्य उद्देश्य होना चाहिए। ये बातें जिले के उपायुक्त शशि रंजन ने कहीं। वे मंगलवार को खूंटी स्थित राजकीय कन्या मध्य विद्यालय (आदर्श विद्यालय) में जिले के उच्च विद्यालयों के प्राचार्यों के साथ बैठक कर रहे थे। मौके पर उन्होंने जिले के विद्यालयों में बिजली, पेयजल, शौचालय जैसे आधारभूत सुविधाओं की वर्तमान स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में साफ-सफाई व सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उपायुक्त ने कहा कि बच्चों में शिक्षकों के प्रति सम्मान व आदर भाव होना चाहिए। इसके साथ ही शिक्षकों को छात्र-छात्राओं की शिक्षा के प्रति संवेदनशील व निरंतर प्रयासरत रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पूर्ण अनुशासन का पालन करते हुए शिक्षण प्रणाली को उचित व बेहतर बनाने में शिक्षक अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि छात्राओं को जिला प्रशासन द्वारा अपेक्षित सहयोग कर उन्हें आइआइटी व मेडिकल की तैयारियों के लिए अग्रसर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक दिन पांच-पांच वर्ड मीनिग बताएं जाय। साथ ही शिक्षण प्रणाली में सुधार करते हुए उसे सुचारू और बेहतर किया जाय। ऑब्जेक्टिव एवं सब्जेक्टिव प्रश्नों एवं उत्तर के कार्यों को प्रत्येक दिन कक्षाओं में विषय की पढ़ाई के साथ जोड़ें। इसमें छात्र-छात्राओं में पूरे आत्मविश्वास के साथ अपने प्रश्नों व जिज्ञासाओं को समझने और जानने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। इसके लिए मेहनत और लगन के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए प्रतिस्पर्धा के वातावरण में उचित रूप से उन्हें ढालने की आवश्यकता है। इसके लिए उन्हें असाइनमेंट व अन्य क्रियाकलापों में निरंतर जोड़े रखें ताकि उनमें सीखने की क्षमता बढे।

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