फूलो झानो आशीर्वाद योजना से जुड़ सावित्री ने बदली अपनी तकदीर

खूंटी जिले के रनिया प्रखंड की सावित्री देवी जिनकी पहचान कभी शराब बेचने की थी। आज सफल कारोबारी बन गई है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 10:42 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 10:42 PM (IST)
फूलो झानो आशीर्वाद योजना से जुड़ सावित्री ने बदली अपनी तकदीर
फूलो झानो आशीर्वाद योजना से जुड़ सावित्री ने बदली अपनी तकदीर

जागरण संवाददाता, खूंटी : खूंटी जिले के रनिया प्रखंड की सावित्री देवी जिनकी पहचान कभी शराब निर्माता तो कभी हाट-बाजार में हड़िया बेचने वाली के रूप में थी। अब उसकी पहचान अपने गांव के सफल दुकानदार के रूप में बन गया है। रनिया प्रखंड के डाहु पंचायत अंतर्गत तुंबुकेल गांव की सावित्री देवी कभी साधारण गृहणी का जीवन व्यतीत कर रही थीं। परिवार का भरण-पोषण के लिए हडि़या व शराब बनाती और हाट-बाजार में बेचती थी। इसके बाद सावित्री सरकार की ओर से चलाई जा रही फूलो झानो आशीर्वाद योजना से जुड़ी। योजना के तहत उन्हें दस हजार रुपये का ब्याज रहित ऋण मिला। इस ऋण के सहयोग व कुछ कर दिखाने की हिम्मत के साथ सावित्री के अपने नए रोजगार के साधन अपनाएं। योजना से जुड़ने के बाद सावित्री ने हड़िया बनाना छोड़कर अपना राशन की दुकान शुरू की। इसके साथ ही आजीविका के वैकल्पिक साधनों में सब्जी बिक्री के साथ मुर्गीपालन शुरू किया। पहले सावित्री की हडिया-दारु से की गई कमाई ही सावित्री देवी का रोजगार था।

सावित्री बताती हैं कि जब वे शराब बनाती थी, तो उनके पति भी उसका सेवन किया करते थे। घर का माहौल खराब होने के साथ-साथ लड़ाई-झगड़ाआम बात हो गया था। अब अपने रोजगार का साधन बदला और अपने और अपने परिवार का सम्मान बढ़ा रही हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा शुरू की गई फूलो झानो आशीर्वाद योजना का उद्देश्य हड़िया-दारू निर्माण व बिक्री से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं को चिह्नित कर सम्मानजनक आजीविका के साधनों से जोड़ना है। सरकार के उद्देश्य को पूरा करने के लिए खूंटी जिले में ऐसे महिलाओं की काउंसलिग कर मुख्यधारा की आजीविका से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। चिह्नित महिलाओं को उनके इच्छानुसार वैकल्पिक स्वरोजगार एवं आजीविका से जोड़ा जा रहा है। जिले की महिलाओं ने योजना से जुड़कर अपने आत्मसम्मान के लिए नई पहचान की ओर कदम बढ़ाया है।

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