एक साल में उखड़ने लगी 23 लाख की कीमत से बनी सड़क
सरकार लोगों को अच्छी सड़क उपलब्ध कराने के लिए पानी की तरह पैसा बहा रही है।
संसू, तोरपा : सरकार लोगों को अच्छी सड़क उपलब्ध कराने के लिए पानी की तरह पैसा बहा रही है। पर, अफसर व ठेकेदार सरकार की मंशा और लोगों को सुविधाएं देने की योजना पर पानी फेर दे रहे हैं। कुछ ऐसा ही हाल प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत दियाकेल से कुमांग तक बनने वाली सड़क का है। करीब 23 लाख रुपये की लागत से बनी सड़क कुमाग से हुसिर होते हुए तपकरा और मुरहू को जोड़ने वाली सड़क से मिली है। उक्त 3.75 किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण की योजना 2019 में बनी थी। सड़क का निर्माण वीकेएस इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा किया गया। अब एक साल बाद ही सड़क पर लगाई गई गिट्टी, बोल्डर उखड़ने लगा है। इसके अलावा गुफू के पास बनी पुलिया के दोनों ओर गढ्डे हो गए हैं। सरकार ने लोगों के लिए जिस सुगम पथ की परिकल्पना की थी संवेदक के कारण एक साल के अंदर ही वह चकनाचूर हो गया। इस संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि सड़क बनने के एक सप्ताह बाद से ही परत दर परत मटेरियल उखड़ने लगा था। ऐसे में आसानी से समझा जा सकता है यह सड़क अनियमितता की भेंट चढ़ गई। गुणवत्ता को दरकिनार कर सड़क का निर्माण किया गया। लंबे समय के बाद यहा की जर्जर सड़क का दोबारा कायाकल्प हुआ, तो क्षेत्र के दर्जनों गावों के लोगों में हर्ष का ठिकाना नहीं था। लेकिन जैसे-जैसे सड़क उखड़ने लगी सभी मायूस होने लगे।
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गुणवत्ता पर कुछ नहीं कहते अभियंता
इस मामले में कनीय अभियंता ईश्वर उराव ने सड़क की गुणवत्ता और एक साल के अंदर उखड़ने के सवाल का जवाब नहीं देकर कहा कि अभी पाच साल तक संवेदक को मेंटनेंस का काम करना है। अगर सड़क कहीं से उखड़ रही है, तो उसकी मरम्मत कराई जाएगी। एक साल के अंदर सड़क क्यों उखड़ने लगी, क्या सड़क निर्माण कार्य में अनियमितता बरती गई थी। इस पर अभियंता कोई जबाव नहीं दिए।