खूंटी जिला पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयनित : उपायुक्त

जिले के उपायुक्त शशि रंजन की अध्यक्षता में गुरुवार को जिला बाल संरक्षण इकाई सहयोग विलेज सिनी सहित बाल संव‌र्द्धन के लिए कार्यरत अन्य एजेंसियों की बैठक हुई। इसमें एजेंसियों द्वारा कोराना काल में बच्चे-बच्चियों का संरक्षण व संव‌र्द्धन के लिए किए गए कार्याें की समीक्षा की गई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 10:42 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 10:42 PM (IST)
खूंटी जिला पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयनित : उपायुक्त
खूंटी जिला पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयनित : उपायुक्त

जागरण संवाददाता, खूंटी : जिले के उपायुक्त शशि रंजन की अध्यक्षता में गुरुवार को जिला बाल संरक्षण इकाई, सहयोग विलेज, सिनी सहित बाल संव‌र्द्धन के लिए कार्यरत अन्य एजेंसियों की बैठक हुई। इसमें एजेंसियों द्वारा कोराना काल में बच्चे-बच्चियों का संरक्षण व संव‌र्द्धन के लिए किए गए कार्याें की समीक्षा की गई। मौके पर उपायुक्त ने एचआइवी पीड़ित बच्चों की समुचित देखभाल करने का संबंधित एजेंसी का निर्देश दिए। इस अवसर पर उपायुक्त ने बताया कि खूंटी जिले को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है। इस आलोक में विशेष सचिव सह झारखंड राज्य बाल संरक्षण संस्था के निदेशक ने निर्देश दिया है कि जिले में कार्यरत बाल देखभाल संस्थानों में एकल परिवार के बच्चों, अनाथ बच्चो (जिनका रिश्तेदार हो) का पुनर्वासन स्पॉन्सरशिप एवं अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना से लिक किया जाना है। जिन बच्चों का कोई रिश्तेदार न हो उन बच्चों को फास्टर केयर योजना से लिक किया जाना है। साथ ही बाल देखभाल संस्थानों को गैर संस्थागातिकरण किया जाना है।

बैठक में जिला बाल संरक्षण ईकाई के अधिकारी ने उपायुक्त को बताया कि कोविड-19 महामारी के परिणाम स्वरूप जिले में अनाथ व एकल माता-पिता के कुल 59 बच्चों को चिन्हित किया गया है। इन बच्चों की विवरणी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा स्थापित बाल स्वराज पोर्टल पर अंकित किया जा चुका है। साथ ही 57 बच्चों की सामाजिक जांच व गृह सत्यापन किया जा चुका है। बताया गया कि कोविड-19 महामारी के परिणाम स्वरूप जिले में अनाथ व एकल माता-पिता समेत कुल 70 बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना का लाभ दिया जा रहा है। जिले में फोस्टर केयर योजना के तहत कुल नौ विधवा महिला समेत 15 परिवारों को चिन्हित किया गया है ।

जिला बाल संरक्षण इकाई के अधिकारी ने उपायुक्त को बताया कि कोविड-19 महामारी में अनाथ हुए बच्चे या एकल अभिभावक के बच्चे, मानव तस्करी के शिकार बच्चे, सहयोग विलेज एवं अन्य बाल गृह में रह रहे 61 बच्चों की सूची कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय व अन्य आवासीय विद्यालय में नामांकन के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी झारखंड शिक्षा परियोजना को भेजा गया है।

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