खूंटी के 10 केंद्रों में 15 से शुरू होगी धान की खरीदारी

इस वर्ष धान का एमएसपी 1940 रुपये एवं बोनस 110 रुपये प्रति क्विटल तय किया गया है। किसानों को धान की कीमत प्रति क्विटल 2050 रुपये मिलेगी। खूंटी जिले में धान अधिप्राप्ति के लिए किसानों के निबंधन का कार्य प्रारंभ हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 10:32 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 10:32 PM (IST)
खूंटी के 10 केंद्रों में 15 से शुरू होगी धान की खरीदारी
खूंटी के 10 केंद्रों में 15 से शुरू होगी धान की खरीदारी

जागरण संवाददाता, खूंटी : इस वर्ष धान का एमएसपी 1940 रुपये एवं बोनस 110 रुपये प्रति क्विटल तय किया गया है। किसानों को धान की कीमत प्रति क्विटल 2050 रुपये मिलेगी। खूंटी जिले में धान अधिप्राप्ति के लिए किसानों के निबंधन का कार्य प्रारंभ हो गया है। 12 दिसंबर से किसानों को एसएमएस भेजा जाने लगेगा। जिले में 15 दिसंबर से धान की खरीदारी शुरू कर दी जाएगी। धान अधिप्राप्ति को लेकर बुधवार को उपायुक्त शशि रंजन की अध्यक्षता में जिला स्तरीय धान अधिप्राप्ति अनुश्रवण समिति की बैठक हुई। मौके पर उपायुक्त ने संबंधित कार्यों का उचित रूप से क्रियान्वित करने का निर्देश दिया। उन्होंने धान अधिप्राप्ति की पूरी तैयारी करने के साथ तैयारियों का अनुश्रवण संबंधित अधिकारियों व प्रखंड विकास पदाधिकारियों को करने का निर्देश दिया। बैठक के दौरान उपायुक्त ने लैंपस-पैक्स की क्षमता, वैकल्पिक व्यवस्था, कंप्यूटर ऑपरेटर आदि की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सभी सेंटरों पर वीएलडब्लु की प्रतिनियुक्ति की जाए और प्रखंड स्तर पर प्रखंड स्तरीय धान अधिप्राप्ति अनुश्रवण समिति की बैठक कर रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाय। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि उचित आकलन करते हुए गोदामों की संख्या बढ़ाई जाय।

इस अवसर पर जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने बताया कि जिले में कुल 10 लैम्पस-पैक्स में 15 दिसंबर से धान की अधिप्राप्ति प्रारंभ कर दी जाएगी। मौके पर बताया गया कि झारखंड राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लिमिटेड द्वारा किसानों से क्रय किए गए धान के मूल्य का भुगतान पीएफएमएस के माध्यम से सीधे किसानों के बैंक खाते में किया जाएगा। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत लगने वाले पंचायत स्तरीय शिविरों के माध्यम से भी किसानों को धान अधिप्राप्ति की जानकारियां दें। ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान जागरुक होकर इसका लाभ ले सकें।

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