पुलिस के खिलाफ सड़क पर उतरे ग्रामीण

खूंटी मुरहू थानांतर्गत कई गांवों में की गई पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में शुक्रवार की सुबह हजारों की संख्या में ग्रामीण महिला-पुरुष सड़क पर उतर आए। आक्रोशित ग्रामीणों ने खूंटी-चाईबासा मार्ग एनएच 75-ई

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Feb 2019 06:36 PM (IST) Updated:Fri, 22 Feb 2019 06:36 PM (IST)
पुलिस के खिलाफ सड़क पर उतरे ग्रामीण
पुलिस के खिलाफ सड़क पर उतरे ग्रामीण

फोटो 2, 3 और 6

-दो घंटे किया सड़क जाम, पथराव, एक पुलिसकर्मी घायल

-अफीम के खिलाफ छापामारी करने गांव गई थी पुलिस

-एसपी, एसडीएम व एसडीपीओ समेत कई अधिकारी व काफी संख्या में जवान पहुंचे

-ग्रामीणों ने पुलिस पर लगाए कई संगीन आरोप

-एसपी ने एसडीपीओ को दिया जांच का आदेश

जागरण संवाददाता,

खूंटी : मुरहू थानांतर्गत कई गांवों में की गई पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में शुक्रवार की सुबह हजारों की संख्या में ग्रामीण महिला-पुरुष सड़क पर उतर आए। आक्रोशित ग्रामीणों ने खूंटी-चाईबासा मार्ग एनएच 75-ई पर घोड़ाटोली के निकट सुबह करीब सात बजे सड़क जाम कर दिया।

जाम की सूचना मिलने पर मुरहू थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस बल मौके पर पहुंचा और जाम हटाने का प्रयास किया। काफी समझाने-बुझाने के बावजूद ग्रामीण जाम हटाने को तैयार नहीं हुए और पुलिस को खदेड़ते हुए पथराव कर दिया। पथराव में मुरहू थाने का पुलिसकर्मी जैसवर ¨सह घायल हो गया। उसका सिर फट गया। तत्काल उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार किया गया और सिर पर तीन टांके लगाए गए। उधर, पुलिसकर्मी के घायल होने के बाद पुलिस की तरफ से एक हवाई फायर की गई। इसके बाद भीड़ पीछे हट गई और पथराव बंद कर दिया। हालांकि, पुलिस अधीक्षक आलोक का कहना है कि पुलिस की ओर से एक भी फायर नहीं किया गया।

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एसपी के समझाने पर शांत हुए ग्रामीण

मामले के जानकारी होने पर पुलिस अधीक्षक आलोक, खूंटी एसडीपीओ कुलदीप कुमार एवं एसडीएम प्रणव कुमार पॉल मौके पर पहुंचे। एसपी ने आक्रोशित ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। उन्होंने ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि रात में उनके घरों में पुलिस जबरन घुस आई और घर में रखे खाने-पीने के सामान को तहस-नहस कर दिया। साथ ही घर में रखे रुपये भी उठा लिए। इस पर एसपी ने कहा कि कल भारी मात्रा में अफीम बरामद की गई है और उसी को लेकर छापामारी की जा रही था। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच की जाएगी और यदि पुलिस दोषी होगी तो पूरे थाने को सस्पेंड कर दिया जाएगा। उन्होंने एसडीपीओ को जांच कर दो घंटे में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। इसके बाद ग्रामीण शांत हुए और करीब नौ बजे जाम हटा लिया।

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क्या था मामला

अफीम तस्करी की सूचना मिलने पर गुरुवार की रात करीब 10 बजे से तीन बजे के बीच पुलिस ने मुरहू थानांतर्गत हेटगोवा, तुम्बाकोल, गिड़ुम, बरलू व चिचिगढ़ा समेत कई गांवों में छापामारी की और हेटगोवा गांव से पतोर पूर्ति, तुम्बाकोल गांव से साऊ मुंडारी, गिड़ुम से मोगो टुडू व उसके एक मेहमान को हिरासत में ले लिया। हालांकि, पुलिस अधीक्षक का कहना है कि किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। ग्रामीणों का आरोप है कि छापामारी के दौरान पुलिस जबरन घरों में घुस गई और घर में रखे सामान को तहस-नहस कर दिया। साथ ही बिना कोई कारण बताए उनके साथ धक्का-मुक्की करते हुए बदसलूकी की। गिड़ुम गांव की प्रधान चुरू पूर्ति ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उसके घर में चावल आदि खाद्य सामग्री को तहस-नहस कर दिया और घर में रखे संस्था के पांच हजार रुपये छीन लिए। वहीं तुम्बाकोल गांव की रेनू मुंडा ने बताया कि पुलिस रात तीन बजे दरवाजा तोड़कर घर में घुस आई और घर में रखी खाद्य सामग्री को तहस-नहस कर दिया। साथ ही धमकी दी कि शोर मचाओगे तो जान से मार देंगे। हालांकि, पुलिस इन आरोपों का खंडन कर रही है।

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अफीम तस्कर नहीं चाहते कि गांवों तक पहुंचे पुलिस : एसपी

पुलिस अधीक्षक आलोक ने मीडिया के बातचीत के दौरान कहा कि पुलिस पर लगाए जा रहे आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। सड़क जाम पुलिस की कार्यशैली के विरोध में नहीं था, बल्कि अफीम की खेती कराने वाले अफीम तस्करों के बरगलाने पर जाम लगाया गया था। जिला पुलिस द्वारा लगातार अफीम की खेती व तस्करी के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है, इसलिए अफीम तस्कर नहीं चाहते कि गांवों तक पुलिस जाए। उन्होंने कहा कि जहां अफीम की खेती होगी या जहां अफीम संग्रह किया जाएगा वहां तो पुलिस जरूर जाएगी। ग्रामीणों ने पुलिस पर जो आरोप लगाए हैं उसकी जांच करने का आदेश एसडीपीओ को दिया है। जांच रिपोर्ट मिलने पर यदि पुलिसकर्मी दोषी पाए जाएंगे तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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