पड़ रही कड़ाके की ठंड गरीबों के लिए बनी आफत
दीपावली के बाद से ही खूंटी और आसपास के क्षेत्र में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। शुरुआती दौर में ही कड़ाके की ठंड शाम ढलते ही लोगों को अपने-अपने घरों में दुबकने के लिए विवश कर रही है।
खूंटी : दीपावली के बाद से ही खूंटी और आसपास के क्षेत्र में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। शुरुआती दौर में ही कड़ाके की ठंड शाम ढलते ही लोगों को अपने-अपने घरों में दुबकने के लिए विवश कर रही है। ऐसे मौसम में उन लोगों को अधिक तकलीफ हो रही है, जिन्हें रोज कमाकर परिवार का भरण-पोषण करना पड़ता है। रिक्शा वाले, ठेले वाले और फुटपाथ पर सब्जी बेचने वालों के लिए ठंड आफत बन कर आता है।
इस वर्ष अलाव जलाने को लेकर प्रशासनिक स्तर पर किसी प्रकार का दिशा-निर्देश तो नहीं आया, लेकिन लोगों को ठंड से बचने को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए निर्देश जरूर मिले हैं। प्रशासन की ओर से नगर पंचायत को लोगों के बीच यह जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश मिला है कि ठंड के दौरान लोगों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। ठंड से बचने के लिए किस प्रकार का उपाय किया जाना चाहिए। क्या करें कि ठंड की चपेट में आने से बचे रहें।
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शुरू नहीं हुई अलाव की व्यवस्था
पिछले वर्ष नगर पंचायत की ओर से आठ स्थानों में नियमित रूप से अलाव जलाए जा रहे थे। इसके अलावा जरूरत के मुताबिक अन्य स्थानों में भी अलाव की व्यवस्था की गई थी। वहीं इस वर्ष करीब एक सप्ताह से अच्छी खासी ठंड पड़ रही है, लेकिन नगर पंचायत की ओर से अभी तक कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं की गई। अलाव की व्यवस्था न होने के कारण गरीब और फुटपाथ पर जीवन गुजारने वाले लोग ठंड से ठिठुर रहे हैं।
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कंबल वितरण का कार्य भी नहीं हुआ शुरू
दिसंबर का माह शुरू हो चुका है, ठंड लोगों को अपनी उपस्थिति का जोरदार अहसास करा रही है और प्रशासन की ओर से गरीब व जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरण का कार्य अब तक शुरू नहीं किया गया है। प्रशासन के साथ किसी भी सामाजिक संगठन ने भी कंबल वितरण का कार्य शुरू नहीं किया है।
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कोट:
खूंटी नगर पंचायत को ठंड में जगह-जगह अलाव की व्यवस्था करने के लिए पांच हजार की राशि मिली थी। ठंड के दौरान पूरे शहर में अलाव के लिए यह राशि कम है। नगर पंचायत की ओर से कुल आठ स्थानों पर नियमित रूप से अलाव जलाए जा रहे थे। इसके अलावा अन्य प्रमुख स्थानों में भी मांग के अनुसार अलाव की व्यवस्था की गई थी। इस वर्ष अलाव जलाने को लेकर प्रशासनिक स्तर पर किसी प्रकार का दिशा-निर्देश अब तक नहीं मिला है। इसके साथ ही कहीं से ठंड को लेकर अलाव की व्यवस्था कराने की मांग भी नहीं की गई है। बीते वर्ष भी नगर पंचायत की ओर से 15 दिसंबर के बाद ही अलाव की व्यवस्था की गई थी।
- आशीष कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी नगर पंचायत खूंटी
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ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। ऐसे में गरीब व मेहनत मजदूरी करने वालों पर इसका असर पड़ रहा है। प्रशासन की ओर से अलाव की व्यवस्था की जानी चाहिए।
- राजकपूर नायक, रिक्शाचालक
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अमूमन देखा जाता है कि ठंड का प्रकोप कम होने के बाद प्रशासन को गरीबों की याद आती है। ठंड बढ़ने के बाद भी अलाव की व्यवस्था नहीं करना गलत है।
- जगरनाथ नायक, रिक्शाचालक
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सरकार को वर्तमान स्थिति को देखकर दिशा-निर्देश देना चाहिए। खूंटी में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। इसके बाद भी ना अलाव की व्यवस्था की गई है और ना कंबल वितरण ही शुरू हो सका है।
- बंशी नायक, मजदूर
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गरीब व मजदूरों को ठंड में अलाव का ही सहारा रहता है। ऐसे में सरकार व प्रशासन को गरीबों की जरूरत को देखते हुए अलाव जलाने और कंबल वितरण जैसे कार्य करना चाहिए।
- भूषण नायक, मजदूर
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अलाव की व्यवस्था नहीं होने के कारण हमें शाम ढलते ही घर लौटना पड़ रहा है। ऐसे में हमारी आमदनी भी प्रभावित हो रही है। सरकार और स्थानीय प्रशासन को गरीबों के हित को ध्यान में रखना चाहिए।
- गायत्री देवी, सब्जी विक्रेता