बोरी बांध से हो रहा गांवों का चौमुंखी विकास : एसडीओ

जिला प्रशासन सेवा वेलफेयर सोसाइटी और ग्राम सभाओं के माध्यम से जिला में बोरी बांध की निर्माण किया जा रहा है। इससे किसानों को काफी फायदा हो रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Dec 2020 10:00 PM (IST) Updated:Fri, 04 Dec 2020 10:00 PM (IST)
बोरी बांध से हो रहा गांवों का चौमुंखी विकास : एसडीओ
बोरी बांध से हो रहा गांवों का चौमुंखी विकास : एसडीओ

जागरण संवाददाता, खूंटी : जिला प्रशासन, सेवा वेलफेयर सोसाइटी और ग्राम सभाओं के माध्यम से जिले में चलाया जा रहा जनशक्ति से जल शक्ति अभियान अब आंदोलन का रूप ले चुका है। शुक्रवार को मुरहू प्रखंड की इंदिरा कालोनी और करंजटोली में लगभग 250 से ज्यादा ग्रामीणों ने श्रमदान कर महज चार घंटे में चार बोरी बांधों का निर्माण कर दिया। ग्रामीणों का उत्साहवर्धन करने और उनके साथ मिलकर बोरी बांध निर्माण में श्रमदान करने आइएएस अधिकारी व खूंटी के अनुमंडल पदाधिकारी हेमंत सती एवं मुरहू प्रखंड के बीडीओ प्रदीप कुमार भगत भी पहुंचे।

मौके पर एसडीओ ने कहा कि बोरीबांध अपने आप में यूनिक कांसेप्ट है। इससे जिले का सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि बांध बनाने के बहाने पूरे गांव के लोग एकजुट होते हैं, जिससे सामाजिक बंधन और भी प्रगाढ़ हो रहा है। उन्होंने कहा कि खूंटी में बोरीबांध की जो संकल्पना की गई है, इसे पूरे राज्य में लागू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बोरा बांध बनने से गांवों का चौमुखी विकास हो रहा है। सेवा वेलफेयर सोसाइटी और जिला प्रशासन ने ग्रामीणों के बीच जाकर उन्हें जल संरक्षण के संबंध में जानकारी दी। उन्हें आत्मनिर्भर बनने और जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया। देखते ही देखते चार बोरी बांधों का निर्माण हुआ और सूखे पड़े नाले में लबालब पानी भर गया। इससे गांव के लोग काफी उत्साहित थे। चार बोरी बांध से लगभग 15-20 एकड़ भूमि की सिचाई होगी। ाबोरी बांध के निर्माण में सेवा वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष अजय शर्मा, करंजटोली के ग्रामीण सुशील सोय, बहालेन सोय, बीरंग सोय, फुलमनी तीडू, सुनीता सोय, सोमा पूर्ती, रोशन पूर्ति, दुंदिया पूर्ति, चुन्नी सोय, जेठा पूर्ती, जुसब पूर्ती, बुधवा सोय, जेगो मुंडा, दिलीप सोय, इंदिरा कॉलोनी के बीरसिंह पाहन, बिरसा होरो, उम्बुल पुर्ती, मंगल सिंह मुंडा, विजय नायक, संदेशा प्रधान, एतवा सोय, संजय प्रधान, बुधु प्रधान, बबलू नायक, याकूब सुरीन समेत गांव के बच्चों एवं युवाओं का महत्वपूर्ण योगदान था।

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