लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश ने किसान मुश्किल में

लगातार तीन दिनों से ही रही बारिश से किसान मुश्किल में पड़ गए हैं। हवा के साथ बारिश होने से फसले खेतों में ही गिर गई है और खेतों में पानी भरते जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 14 Nov 2021 10:15 PM (IST) Updated:Sun, 14 Nov 2021 10:15 PM (IST)
लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश ने किसान मुश्किल में
लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश ने किसान मुश्किल में

संसू, तोरपा : लगातार तीन दिनों से ही रही बारिश से किसान मुश्किल में पड़ गए हैं। हवा के साथ बारिश होने से फसले खेतों में ही गिर गई है और खेतों में पानी भरते जा रही है। कुछ दिन बाद उसमें अंकुर आना शुरू हो जाएगा। वही दियांकेल बड़रू टोली के फूलवंती तोपनो ने बताई कि लगातार तीन दिनों से हो रही रही बारिश से खेतों में पानी भर गया है। कई एकड़ के धान को खेत मे काट कर छोड़ दिए थे, लेकिन कौन जान रहा था कि अचानक इस तरह से बिप्पति का पहाड़ टूट पड़ेगा। अब तो लागत निकलना भी मुश्किल दिख रहा है। महिला किसान सुरजमनी भेंगरा कहती है कि धान की कटी हुई फसल बारिश से भीगकर बर्बाद हो गई है। इस बार धान की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद थी। इससे तकरीबन 25 क्विटल धान तैयार होता। इसकी अनुमानित कीमत 45 हजार से ऊपर होती। बारिश से नष्ट हुई फसल में लागत समेत 65 हजार का नुकसान होना तय है। सब्जियों के किसानों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। कुदरत के कहर ने फसल से मुनाफा तो दूर, मेहनत व लागत पर ही पानी फेर दिया है। इससे छोटे किसानों के समक्ष संकट आ गया है।

अभी 50 प्रतिशत धान की कटाई बाकी

इस बारे में कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डॉ राजन चौधरी ने बताया कि फसल की कटाई हो रही है। तीन दिन से हो रही बारिश ने किसानों की मेहनत व लागत पर पानी फेर दिया। जिन किसानों के खेत में कटी फसल पड़ी थी, उन्हें अधिक नुकसान हुआ है। तमाम खेतों में पानी भर गया है। खासकर उन किसानों के लिए यह बारिश मुसीबत का कहर लेकर आई है, जिन्होंने धान की फसल काटकर सूखने के लिए खेतों में फैला रखी थी। लगातार हुई बारिश से उनकी कटी हुई धान की फसल जलमग्न हो गई। जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। बताया कि तकरीबन अभी जिले में 50 प्रतिशत धान की फसल की कटाई हुई है। जिन किसानों ने दो दिन पहले ही सरसों की बुआई की थी, उनके बीज जमीन में नष्ट हो रहे हैं। मौसम की विषम परिस्थिति को देखते हुए किसान खेत में कटी हुई फसल न छोड़ें। तत्काल खेतों से जल निकासी की व्यवस्था करें। फसल की कटाई व सरसों की बुआई को तत्काल रोक दें। खुले में पड़ी मशरूम कंपोस्ट को पॉलीथिन से ढक दें। गन्ने की बंधाई कर दें। मौसम साफ होने पर ही आलू की बुआई करें। फसल बीमा कराया है तो 72 घंटे के अंदर बीमा कंपनी, जिला कृषि अधिकारी को सूचित करें।

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कर्रा में जनजीवन अस्त-व्यस्त

संसू, कर्रा : तीन दिनों से रुक-रुककर हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सड़कें सुनी, व्यापारिक प्रतिष्ठानों में सन्नाटा पसरा हुआ है। सबसे ज्यादा मुश्किल वर्षा के कारण किसानों को हुआ है। वर्तमान में धान कटनी का समय है। किसान या तो अपने धान को काटकर खलियान तक लाया है या फिर खेतों में काट कर रखे हैं। दोनों ही स्थिति में किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। किसान हताश दिख रहे हैं। वर्षा बंद नहीं हुई तो किसानों के सामने भारी मुसीबत खड़ा हो जाएगी। जहां किसानों को इस वर्ष धान की अच्छी पैदावार मिलने की आस थी वहीं और असमय हो रही वर्षा के कारण किसानों में उतनी ही निराशा देखने को मिल रही है। स्थिति यही रही तो की शान मौजे का मांग के लिए ब्लॉक तक आने की तैयारी कर रहे हैं।

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