तेजी से पांव पसार रहा कोरोना, लापरवाह बने हुए हैं आम लोग व प्रशासन

शहर में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। तेजी से फैलते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जहां प्रशासनिक अमला सक्रिय नजर नहीं आ रहा है। वहीं आम लोग भी लापरवाह बने हुए हैं। इस स्थिति में कुछ ही दिनों में कोरोना ने शहर के लगभग सभी मोहल्ले में अपना पांव तेजी से पसारने लगा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 09:05 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 09:05 PM (IST)
तेजी से पांव पसार रहा कोरोना, लापरवाह बने हुए हैं आम लोग व प्रशासन
तेजी से पांव पसार रहा कोरोना, लापरवाह बने हुए हैं आम लोग व प्रशासन

खूंटी : शहर में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। तेजी से फैलते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जहां प्रशासनिक अमला सक्रिय नजर नहीं आ रहा है। वहीं, आम लोग भी लापरवाह बने हुए हैं। इस स्थिति में कुछ ही दिनों में कोरोना ने शहर के लगभग सभी मोहल्ले में अपना पांव तेजी से पसारने लगा है। पिछले वर्ष कोरोना के शुरुआती दिनों में जब शहर में कोरोना का कोई प्रभाव नहीं था, तब प्रशासनिक सक्रियता चरम पर नजर आ रही थी। लेकिन अब जब कोरोना का नया स्टेन तेजी से लोगों को अपनी चपेट में लेने लगा है, तब प्रशासनिक शिथिलता समझ से परे नजर आ रही है। बढ़ते कोरोना संक्रमण के बावजूद अब तक प्रशासन की ओर से मास्क, शारीरिक दूरी आदि कोरोना से बचाव के सरकारी निर्देशों का अनुपालन को सख्ती से लागू नहीं किया जा रहा है। कुछ दिन पूर्व एक वरीय अधिकारी के निर्देश पर महज एक दिन मास्क चेकिग अभियान चलाकर खानापूर्ति की गई। इसके बाद झारखंड सरकार द्वारा जारी नए गाइडलाइन के अनुपालन के लिए एक दिन पुलिस प्रशासनिक अधिकारी शहर के विभिन्न चौक-चौराहों में घूम घूम कर व्यवसायियों व आम लोगों से सरकारी गाइडलाइन का अनुपालन करने का निर्देश दिए और शहर में धारा 144 लगाकर लगता है अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो गए। यही कारण है कि दूसरे दिन से शहर में यह देखने वाला कोई नहीं है कि लोग मास्क पहन रहे हैं अथवा नहीं तथा शारीरिक दूरी और अन्य सरकारी गाइडलाइनों का अनुपालन हो रहा है या नहीं। इन परिस्थितियों में सोमवार को शहर के घनी आबादी वाले मोहल्ले कर्रा रोड के रामकिशोर जायसवाल नामक कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाने से लोगों में भय व्याप्त हो गया है। इस वर्ष शहर में कोरोना से हुई पहली मौत के बाद भी प्रशासन की सुस्ती लोगों को चिता में डाल रही है। शहर के एक निजी अस्पताल में कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु के बाद शव को स्वजनों को सौंप दिया गया। स्वजन शव को लेकर अपने आवास आ गए जहां जमीन में शव को खुले में रख दिया गया। रात साढे 9:00 बजे जब मृतक का कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आया तब प्रशासनिक अमला सक्रिय हुआ। इसके बाद देर रात शव का अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत भोंडा नदी में किया गया। कोरोना संक्रमित व्यक्ति के शव को खुले में छह घंटे तक रखने से मोहल्ले में कोरोना का संक्रमण बढ़ने का खतरा उत्पन्न हो गया है।

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सैनिटाइजेशन व सैंपल लेने के प्रति उदासीन रहा प्रशासन

कोरोना संक्रमित व्यक्ति के मरने के बावजूद कर्रा रोड में सैनिटाइजेशन व मृतक के स्वजनों के जांच के लिए सैंपल लेने के प्रति प्रशासन उदासीन रहा। सुबह एक बार वाहन आया और सैनिटाइजेशन की खानापूर्ति कर वापस चला गया। वहीं मंगलवार को शाम करीब छह बजे स्वास्थ्य विभाग का टीम मृतक के स्वलनों का सैंपल लेने उनके घर पहुंचा। इस क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन बनाने के लिए किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है। मृतक के स्वजन स्वयं ही अपने घर में कैद हो गए हैं।

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