उपभोक्ताओं की राय, विभाग करे जलापूर्ति योजना का संचालन
केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार सभी का लक्ष्य हर घर नल का जल योजना के तहत लोगों के घरों तक नल द्वारा स्वच्छ पेयजल मुहैया कराना है।
संवाद सूत्र, तोरपा : केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार सभी का लक्ष्य हर घर नल का जल योजना के तहत लोगों के घरों तक नल द्वारा स्वच्छ पेयजल मुहैया कराना है। सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का तोरपा प्रखंड क्षेत्र में धरातलीय स्थित बेहद दयनीय बनी हुई है। तोरपा स्थित ग्रामीण जलापूर्ति योजना का मोटर हर एक-दो महीने में खराब हो ही जाता है। मोटर खराब होने से कभी-कभी 15 दिनों तक जलापूर्ति योजना से उपभोक्ताओं को पानी नहीं मिलता है। ऐसे में लोगों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मोटर खराब रहने के कारण गुरुवार को भी उपभोक्ताओं को पानी नहीं मिला। वर्ष 2019 में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग एक समिति बना कर योजना का संचालन समिति को सुपुर्द कर दिया था। इसके बाद से समिति ही ग्रामीणों से जलकर वसूल कर रखती है, ताकि पंप चालक का मानदेय देने के साथ इसकर मेंटेनेंस कार्य किया जा सके। समिति द्वारा पिछले कई महीनों से पंप चालकों को मानदेय भी नहीं दिया गया है। ये तो हुई मानदेय की बात, अगर मोटर खराब हो जाती है या पाइपलाइन में गड़बड़ी होती है तो समिति इसे दुरुस्त कराने से साफ इनकार कर देती है। समिति का कहना है कि लोग जलकर की राशि जमा नहीं करते है। तोरपा में ऐसे कई घर है जहां शुरुआती समय से ही जलकर की राशि नहीं मिला है। जिसके कारण समिति मोटर खराब होने या पाइपलाइन में खराबी आने पर तत्काल नहीं बना सकती है। राशि के अभाव में समिति अपने हाथ खड़े कर देती है। थक हार कर विभाग ही खराबी की मरम्मत कर जलापूर्ति सुचारू रूप से कराती है। इधर ग्रामीणों का कहना है अगर समिति अपने कार्य में असफल है तो विभाग को ही क्यों ना जलापूर्ति की जिम्मदारी दे दी जाए।
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पानी जैसे मूलभूत समस्या को दूर करने के लिए कोई भी जनप्रतिनिधि या अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस पर मुखिया, विधायक या स्थानीय अधिकारी किसी का ध्यान नहीं है। जिसका नतीजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। उपभोक्ताओं को समय पर जलकर चुकाने की आवश्यकता है।
- सोनू खान
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जब कोटेंगसेरा में नई जलमीनार लगी थी तो कुछ दिनों तक सही पानी मिला था। लेकिन थोड़े समय के बाद सप्लाई पानी कम होते चला गया। कभी पानी आता है तो कभी नहीं। मेरा मानना है कि फिर से विभाग को ही पानी सप्लाई का जिम्मा दे देना चाहिए।
- शिवशंकर साहू
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हर महीने एक ना एक दिन जलमीनार से पेयजल आपूर्ति में व्यावधान पड़ता है। जलापूर्ति बंद रहने से ग्रामीण किसी तरह दूसरे के चापाकलों के सहारे अपनी प्यास बुझाते हैं। पुरानी संचालन व्यवस्था ही ठीक था। कार्यशैली को अपना लिया जाए तो अच्छा रहेगा। विभाग को ही जलापूर्ति का बागडोर सौंप देना चाहिए।
- ज्ञान हंस ओझा