पोषाहार की बाट जोह रहे आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चे

नौनिहालों के समग्र विकास और कुपोषण की समस्या से निजात पाने के लिए सरकार योजनाएं चला रही है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 06:00 AM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 06:00 AM (IST)
पोषाहार की बाट जोह रहे आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चे
पोषाहार की बाट जोह रहे आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चे

दिलीप कुमार, खूंटी

नौनिहालों के समग्र विकास और कुपोषण की समस्या से निजात पाने के लिए सरकार कई प्रकार की योजना चला रही है। इसके तहत सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से गर्भवती व धात्री महिलाओं के साथ बच्चों के बीच पोषाहार का वितरण करती है। बुलंद भविष्य के लिए खूंटी जिले के बच्चे इसी पोषाहार की बाट जोह रहे हैं। भुगतान नहीं मिलने के कारण जिले के विभिन्न प्रखंडों में अप्रैल माह से पोषाहार का वितरण नहीं हो रहा है। ऐसे में सरकार की कुपोषण मुक्त बच्चों के बुलंद भविष्य की परिकल्पना कैसे पूरा होगा। जिला समाज कल्याण पदाधिकारी बसंती ग्लाडिस बाड़ा ने बताया कि जिले में गर्भवती महिलाओं की संख्या पांच हजार सात है जबकि धात्री माताओं की संख्या पांच हजार 451 है। वहीं जिले में छह माह से तीन साल आयु वर्ग वाले बच्चों की कुल संख्या 28 हजार 816 है। उन्होंने बताया कि तीन से छह वर्ष तक के बच्चों के पोषाहार वितरण में कहीं कोई परेशानी नहीं है। सात माह से तीन वर्ष तक के बच्चों को पोषाहार वितरण कहीं-कहीं विभाग से भुगतान नहीं मिलने के कारण बंद है।

दरअसल, खूंटी जिले में टीएचआर के तहत सूखा राशन का वितरण जेएसएलपीएस के सखी मंडल की महिलाओं के माध्यम से किया जाता है। इसके तहत गर्भवती व धात्री महिला के साथ छह माह से तीन साल तक के बच्चों के लिए 25 दिनों का सूखा राशन उनके घर तक पहुंचाया जाता है। सखी मंडल की महिलाएं स्थानीय स्तर पर खरीदारी कर लाभुकों को सामग्री की आपूर्ति करती हैं। सखी मंडल की महिलाओं को जून माह में किए गए आपूर्ति का भुगतान अबतक नहीं मिला है। इस संबंध में जेएसएलपीएस के डीपीएम शैलेश रंजन ने बताया कि सखी मंडल की महिलाओं को रोजगार देने के लिए सरकार के ऐसा निर्णय लिया था। अब जून माह का भुगतान नहीं होने के कारण सखी मंडल की सदस्य सामग्री की आपूर्ति करने में असमर्थ हैं। भुगतान के लिए सत्यापन रिपोर्ट विभाग के पास दो माह पूर्व ही चला गया है, लेकिन भुगतान अबतक नहीं पाया है। उन्होंने बताया कि विभाग से करीब 80 लाख रुपये का भुगतान बकाया है।

विधायक ने की प्रधान सचिव से बात

खूंटी के विधायक सह पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने जिले में पोषाहार वितरण ठप रहने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि ऐसे में बच्चों का शारीरिक विकास अवरूद्ध हो सकता है। इस मामले को लेकर उन्होंने मंगलवार को प्रधान सचिव अविनाश कुमार से बात की और तत्काल पोषाहार वितरण शुरू करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने की बात कही। उन्होंने कहा कि उन्हें मुरहू प्रखंड के सुदूरवर्ती रूमुतकेल में पोषाहार वितरण नहीं होने की जानकारी मिली। उन्होंने कहा कि ऐसे में बच्चों का समग्र विकास नहीं हो पाएगा और ग्रामांचलों के बच्चे कुपोषण के शिकार हो जाएंगे। गर्भवती व धात्री महिलाओं को समय पर पोषाहार नहीं मिलने से उनके स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ सकता है। सरकार को तत्काल इसपर संज्ञान लेते हुए बकाया राशि का भुगतान करना चाहिए।

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प्रतिमाह मिलने वाले राशन की मात्रा किलोग्राम में

सामग्री - गर्भवती महिला - धात्री महिला - बच्चा - कुपोषित बच्चों को

चावल - 2.500 - 2.500 - 1.250 - 1.875

दाल - 0.750 - 0.750 - 0.750 - 0.875

आलू - 3.125 - 3.125 - 2.500 - 2.500

मुंगफली - 1.000 - 1.000 - 0.750 - 1.250

गुड़ - 0.625 - 0.625 - 0.750 - 0.625

चना - ------ - ----- - ------ - 0.625

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ऐसे हुआ है पोषाहार का वितरण

माह - इन प्रखंडों में हुआ वितरण

अप्रैल - किसी भी प्रखंड में नहीं

मई - किसी भी प्रखंड में नहीं

जून - किसी भी प्रखंड में नहीं

जुलाई - खूंटी सदर व कर्रा प्रखंड में

अगस्त - मुरहू, तोरपा, रनिया व अड़की प्रखंड में

सितंबर - किसी भी प्रखंड में नहीं

अक्टूबर - खूंटी सदर व अड़की प्रखंड में

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