धार्मिक व सामाजिक व्यवस्था के साथ परंपरा को भी बचाना है : संदीप

हमें अपने धार्मिक व सामाजिक व्यवस्था के साथ परंपरा को हर हाल में बचाए रखना है। गांव की सामाजिक व धार्मिक जमीन को सरकारी योजना के तहत घेराबंदी और सुंदरीकरण कराना है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 11:03 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 11:03 PM (IST)
धार्मिक व सामाजिक व्यवस्था के साथ परंपरा को भी बचाना है : संदीप
धार्मिक व सामाजिक व्यवस्था के साथ परंपरा को भी बचाना है : संदीप

जासं, खूंटी : हमें अपने धार्मिक व सामाजिक व्यवस्था के साथ परंपरा को हर हाल में बचाए रखना है। गांव की सामाजिक व धार्मिक जमीन को सरकारी योजना के तहत घेराबंदी और सुंदरीकरण कराना है। ऐसा नहीं करने पर जमीन दलाल गांव के धार्मिक व सामाजिक जमीन को भी बेच देंगे। ये बातें जनजाति सुरक्षा मंच झारखंड प्रदेश के संयोजक संदीप उरांव ने कहीं। वे रविवार को खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड के कटमकुकू गांव में लोगों को संबोधित कर रहे थे। ग्रामीणों के साथ बैठक में उन्होंने सभी लोगों को एकजुट व जागरूक रहने की अपील की। गांव में किसी भी प्रकार की समस्या हो तो उसको मिल बैठकर समस्या का हल करने का भी आह्वान किया। इस अवसर पर झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति धुर्वा, रांची के अध्यक्ष मेघा उरांव ने कहा कि ग्रामीण ग्राम सभा की ताकत को समझे। ग्राम सभा में बहुत ताकत है, बिना ग्रामसभा के सहमति से गांव में कोई भी काम नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान वही चुने जाएंगे जो अपना जातिगत रूढ़ी और प्रथा परंपरा को पालन करता हो। वैसा ही व्यक्ति आपके गांव के ग्राम प्रधान होंगे। बैठक में ग्रामीणों ने सरना जाहेर पूजा स्थल की घेराबंदी व अन्य समस्याओं को रखा। इसके पूर्व झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति धुर्वा रांची के अध्यक्ष मेघा उरांव, जनजाति सुरक्षा मंच झारखंड प्रदेश के संयोजक संदीप उरांव, मद्रा मुंडा ट्रस्ट के अध्यक्ष बिना मुंडा, पहलवान मुंडा व झारखंड प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत्त संग्राम बेसरा खूंटी जिला अंतर्गत कर्रा प्रखंड के कटमकुकू पहुंचे और ग्रामीणों के साथ बैठक की। मौके पर ग्राम प्रधान मदन सांगा, दसमा पहचान, बेइगा सांगा, गुलाल मुंडा, सुभद्रा सांगा, गीता सांगा, रंजीत सांगा समेत अन्य ग्रामीण मौजूद थे।

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