आदिवासी अपनी परंपरा-संस्कृति को अपने सीने से लगाकर चलता है
आदिवासी समाज के प्रखंड नेतृत्वकर्ताओं ने कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए रवि
तोरपा : आदिवासी समाज के प्रखंड नेतृत्वकर्ताओं ने कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए रविवार को सादगी के साथ विश्व आदिवासी दिवस मनाया। विश्व आदिवासी दिवस धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर तथा पौधरोपण कर मनाया गया। कार्यक्रम केंद्रीय युवा सरना संगोम समिति के प्रखंड अध्यक्ष चोंगे मुंडा की अध्यक्षता में किया गया।
सबसे पहले उपस्थित आदिवासी नेताओं ने हिल चौक स्थित एनएचपीसी गेट के पास आदिवासी झंडा फहराया। इसके बाद भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस दौरान परिसर के आसपास कई फलदार पौधे भी लगाए गए। मौके पर जिप अध्यक्ष जूनिका गुड़िया ने कहा कि आदिवासी समुदाय एक ऐसा समूह है जो अपनी परंपरा-संस्कृति को अपने सीने से लगाकर चलता है। आज हम यह प्रतिज्ञा करें कि हर वर्ष नौ अगस्त को प्रत्येक आदिवासी अपने घर में स्वयं एक पौधा अनिवार्य रूप से लगाए। साथ ही यदि संभव हो तो घर में जितने सदस्य हैं उतने ही पौधे लगाएं और उसकी हिफाजत परिवार के सदस्य की तरह करेंगे।
प्रखंड प्रमुख रोशनी गुड़िया ने कहा कि आज पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिंग को लेकर चितित है। प्रकृति के बदलाव की वजह से जो परिस्थिति उत्पन्न हुई है, वह काफी चितनीय है। प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने में आदिवासी समुदाय की भूमिका सबसे अहम रही है और आगे भी रहेगी। मुखिया सुदीप गुड़िया ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग जैसी चीजों से बचाव आदिवासी समाज से बेहतर और कोई नहीं कर सकता है। मौके पर चोंगे मुंडा, मसीह गुड़िया, विश गुड़िया, अजीत तोपनो, मुखिया निरल तोपनो, मानू मुंडा, रोहित सुरीन व रतीश शर्मा आदि उपस्थित थे।