खूंटी जिला में तीन सरकारी अस्पतालों के 204 बेडों में 147 आक्सीजन सपोर्टेड

खूंटी जिला में कोरोना की पहली लहर में सात लोगों की मौत हुई थी। दूसरी लहर में यह आंकड़ा बढ़कर 96 पहुंच गया। दूसरी लहर में जिले में चिकित्सा व्यवस्था को व्यापक रूप से सु²ढ़ किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 10:26 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 10:26 PM (IST)
खूंटी जिला में तीन सरकारी अस्पतालों के 204 बेडों में 147 आक्सीजन सपोर्टेड
खूंटी जिला में तीन सरकारी अस्पतालों के 204 बेडों में 147 आक्सीजन सपोर्टेड

खूंटी : खूंटी जिला में कोरोना की पहली लहर में सात लोगों की मौत हुई थी। दूसरी लहर में यह आंकड़ा बढ़कर 96 पहुंच गया। दूसरी लहर में जिले में चिकित्सा व्यवस्था को व्यापक रूप से सु²ढ़ किया गया है। कोविड अस्पताल के बेडों को आक्सीजन पाइपलाइन से जोड़ा गया है। जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल और मातृ-शिशु अस्पताल के बेड़ों को आक्सीजन पाइपलाइन से जोड़ने के बाद तोरपा स्थित रेफरल अस्पताल में भी के बेडों को भी आक्सीजन पाइपलाइन से जोड़ा गया है। कई अन्य संसाधनों को भी दुरुस्त किया गया है। सदर अस्पताल परिसर में प्रधानमंत्री केयर फंड से आक्सीजन प्लांट लगाया गया है। वहीं इसके पूर्व कोरोना काल में ही जिले के मातृ शिशु अस्पताल परिसर में राज्य का पहला आक्सीजन प्लांट लगाया गया है। जिला में दो-दो ऑक्सीजन प्लांट लगने से जिला इस मामले में आत्मनिर्भर बन गया है। कोरोना का काल में जहां आक्सीजन प्लांट लगाने वाला खूंटी प्रदेश का पहला जिला बना, वहीं टीकाकरण के क्षेत्र में भी खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड क्षेत्र का चुरदाग गांव शत-प्रतिशत टीकाकरण वाला पहला गांव बना। जिले के सदर अस्पताल और मातृ-शिशु अस्पताल में आक्सीजन प्लांट लगाने के बाद अब तोरपा स्थित रेफरल अस्पताल में भी आक्सीजन प्लांट लगाने की सुगबुगाहट होने लगी है।

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सदर अस्पताल में 69 बेड जुड़े हैं आक्सीजन पाइप लाइन से

खूंटी जिला मुख्यालय स्थित सौ बेडों वाले सदर अस्पताल में 69 बेड आक्सीजन पाइप लाइन से जुड़े हैं। वहीं मातृ शिशु अस्पताल के 74 बेडों में 58 आक्सीजन सपोर्टेड बेड हैं। तोरपा स्थित रेफरल अस्पताल के 30 बेडों में 20 को आक्सीजन पाइप लाइन से जोड़ा गया है। खूंटी स्थित आइओसीएल ने सीएसआर निधि से जिले के सदर अस्पताल व तोरपा के रेफरल अस्पताल में 79 आक्सीजन सपोर्टेड बेड की व्यवस्था करने के साथ ही व्यवस्थाओं को सु²ढ़ करने का काम किया है। आइओसीएल ने इसके लिए 23.63 लाख की धनराशि आवंटित की।

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जिले में है दो आक्सीजन प्लांट

कोरोना महामारी के समय झारखंड में आक्सीजन प्लांट लगाने वाला खूंटी पहला जिला बना है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने अपने सांसद निधि से जिला मुख्यालय स्थित मातृ शिशु अस्पताल परिसर में आक्सीजन प्लांट लगवाया है। आक्सीजन प्लांट की क्षमता पांच हजार लीटर प्रति घंटे की है। यह आक्सीजन प्लांट जिले का पहला प्लांट है। वहीं दूसरा आक्सीजन प्लांट जिले के सदर अस्पताल में लगाया गया। कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए पीएम केयर फंड के सहयोग से पीएसए प्लांट यानी प्रेशर स्विग एडसोरप्शन प्लांट लगाया गया है। खूंटी सदर अस्पताल में लगाए गए 500 लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाले पीएसए प्लांट से आक्सीजन का उत्पादन होगा, जो पाइप लाइन से हर बेड तक पहुंचेगा। सदर अस्पताल के एसएनसीयू और इमरजेंसी वार्ड में सभी बेड आक्सीजन युक्त है। इसके अलावा 250 आक्सीजन सिलेंडर भी है, जिनमें आवश्यकतानुसार आक्सीजन रिफिलिग भी की जा सकेगी।

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जांच पर विशेष जोर : सीएस

खूंटी की सिविल सर्जन डॉ साथी घोष ने बताया कि जिला में कोरोना के संभावित तीसरे लहर को लेकर व्यापक रूप से तैयारी किया गया है। अस्पतालों में बेडों को आक्सीजन पाइप लाइन से जोड़ा गया है। वहीं बच्चों के लिए भी विशेष रूप से व्यवस्था किया गया है। उन्होंने बताया कि नए वैरिएंट को लेकर जिला क्षेत्र में जांच पर विशेष जोर दिया जा रहा है। अब जिले में वैक्सीनेशन के साथ जांच की रफ्तार भी तेज की जाएगी। बाहर से आने वालों की विशेष रूप से जांच की जाएगी।

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