गर्मी के दस्तक देते ही सूखा तालाब, बड़ी आबादी हलकान

संवाद सूत्र बिदापाथर (जामताड़ा) देखरेख के अभाव में ग्रामीण क्षेत्र में तालाबों का अस्तित्व संक

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 06:23 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 06:23 PM (IST)
गर्मी के दस्तक देते ही सूखा तालाब, बड़ी आबादी हलकान
गर्मी के दस्तक देते ही सूखा तालाब, बड़ी आबादी हलकान

संवाद सूत्र, बिदापाथर (जामताड़ा) : देखरेख के अभाव में ग्रामीण क्षेत्र में तालाबों का अस्तित्व संकट में है। समय पर सफाई की कमी से तालाबों में गाद जम रहा है और इससे समय पूर्व ही ताला सूखने लगता है। जबकि इलाके का जलस्तर कायम रखने के लिए तालाब जलाशयों का अहम योगदान हैं। जल संरक्षण से ही भूमि के जलस्तर को कायम रखा जा सकता है। बिदापाथर थाना क्षेत्र के आदिवासी बहुल गांव दुमदुमी स्थित कुल्हीमुड़ा तालाब में गर्मी के दस्तक के साथ ही पूरी तरह सूखा पड़ चुका है। गर्मी के दिनों में तालाब का हाल कई वर्षों से ही ऐसा रहा है। फिर भी उसके गहरीकरण की पहल समय पर नहीं की गई। इस मौसम में भी तालाब को गहरा कर दिया जाए और बाहरी जल के प्रवेश का रास्ता बना दिया जाए तो अगले साल तालाब में पानी बचाया जा सकता है।

गर्मी के मौसम आते ही जैसे- जैसे तालाब का पानी सूखने लगता है, ग्रामीणों के बीच पानी के लिए हाहाकार मचना शुरू हो जाता है। कुल्हीमुड़ा निजी तालाब होने के बावजूद पूरे गाँव के लोग तालाब के पानी का इस्तेमाल करते हैं। अब तालाब सूख जाने के बाद लोग पानी के लिए इधर उधर भटकने को विवश हैं। पशुओं को प्यास बुझाना ज्यादा कठिन हो गया है। इससे पशुपालक भी परेशान हैं। उन्हें दूर से पानी की जुगाड़ करनी पड़ती है। ग्रामीण कहते हैं कि इस गर्मी में भी तालाब बिन पानी होने से आसपास का जलस्तर प्रभावित हो चुका है। कुआं व चापाकल का जलस्तर रसातल जाने से उनसे पानी मिलना कम हो गया है। यह तालाब करीब 70 वर्ष पुराना है। तालाब के पानी से लोग कृषि कार्य व मछली पालन भी करते हैं। अधिकतर लोग तालाब के पानी से स्नान करते हैं। तालाब के सूखने से यहां बड़ी आबादी चितित है। लोगों ने जल संरक्षण के लिए तालाब के जीर्णोद्धार की मांग कई बार उठाई पर शासन-प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया। कहा कि अगर तालाब का जीर्णोद्धार हो जाता तो लोगों को काफी हद तक पानी की समस्या से मुक्ति मिल जाती। मछली पालन , सब्जी व अन्य कृषि कार्य कर लोग आर्थिक रूप से मजबूत होते पर पानी के अभाव में सारे कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

---क्या कहते हैं ग्रामीण :

---तालाब को जल्द जीर्णोद्धार नहीं किया गया तो पानी की कमी से आसपास के कुआं व चापाकल में पानी की किल्लत हो जाएगी। इससे पानी के लिए हाहाकार मचेगा। सरकार को तालाब की सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि जल संरक्षण हो सके। कभी इस तालाब पर विभाग ध्यान नहीं दिया। ग्रामीण सक्षम नहीं है तालाब का गहरीकरण करवाने में। ---सुनील कुमार हेंब्रम, ग्रामप्रधान, दुमदुमी ---सरकार की ओर से तालाब की गहरीकरण व गाद को निकालने की व्यवस्था होनी चाहिए। जल है तो जीवन है। फिर भी सरकार तालाबों पर ध्यान नहीं दे रही। कई बार मांग की गई फिर भी इसकी सफाई नहीं कराई जा सकी।ढ्ढ तालाब का गहरीकरण हो जाने लोगों को पानी के लिए गर्मी में भी भटकना नहीं पड़ता। ---सहदेव मुर्मू, ग्रामीण, दुमदुमी।

---गर्मी के दस्तक के साथ ही गांव के कल्हीमुड़ा तालाब पूरी तरह सुख चुका है। तालाब के पानी सूखने के साथ लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है। पशुओं केा पानी तक नहीं मिल रहा। स्नान करने की समस्या तो है ही। मछली पालन व सिचाई के लिए सोचना ही बेकार है। ---पानेश्वर हेंब्रम, ग्रामीण, दुमदुमी ----सरकार की ओर से तालाब का गहरीकरण व जमा गाद निकालने की पहल होनी चाहिए। तालाब का जीर्णोद्धार हो जाने से गर्मी में सूखने की समस्या ही खत्म हो जाती। बाहर से वर्षा जल के प्रवेश की व्यवस्था भी नहीं है। तालाब पर ध्यान दिया जाता तो पानी की समस्या से मुक्ति मिलती ही, मछली पालन व कृषि कार्य में भी सहयोग होता। ---नरेश हेंब्रम, ग्रामीण, दुमदुमी।

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