तालाब सूखते ही हलक भी तरस गया बूंद-बूंद पानी को
रख रखाव के अभाव व गाद जमने से तालाबों का अस्तित्व संकट में है। तालाब सूखने से भूमि का जल स्तर दिन प्रति दिन नीचे जा रहा है। फोटो न. 13 संवाद सूत्र बिदापाथर (जामताड़ा) रख रखाव के अभाव व गाद जमने से तालाबों का
संवाद सूत्र बिदापाथर (जामताड़ा) : रख रखाव के अभाव व गाद जमने से तालाबों का अस्तित्व संकट में है। तालाब सूखने से भूमि का जल स्तर दिन प्रति दिन नीचे जा रहा है। जल संरक्षण से ही भूमि के जलस्तर को कायम रखा जा सकता हैं। फतेहपुर प्रखंड के धसनिया पंचायत के धसनिया गांव स्थित काली मंडा तालाब का पानी गर्मी के दस्तक के साथ ही सूखने के कगार पर है। इससे ग्रामीणों के समक्ष जलसंकट उत्पन्न होने लगी है। गांव के अधिकांश लोग काली मंडा तालाब का पानी ही इस्तेमाल करते है। समय पर तालाब को गहरा किया जाए तो तालाब का अस्तित्व मिटने से बच जाएगा। तालाब सूखने से आम लोगों के साथ साथ पशुपालकों भी भारी परेशानी हो रही हैं। बता दें क ितालाब जीर्णोद्धार के लिए अभी तक कोई पहल नहीं हुई है। लोगों ने जल संरक्षण के लिए तालाब का जीर्णोद्धार करने की मांग किया है।
-- क्या कहते हैं ग्रामीण :
-- तालाब का जल्द जीर्णोद्धार नहीं हुआ तो पानी की कमी से आसपास के कुआं व चापाकल में पानी की किल्लत हो जाएगी। सरकार को तालाब की सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि जल संरक्षण हो सके। -- मुकेश कुमार यादव, ग्रामीण, धसनिया - फोटो न. 14 -- सरकार तालाब को गहरा और गाद को निकालने के लिए सकारात्मक पहल करे। तालाब का गहरीकरण हो जाने से लोगों को पानी के लिए सुविधा होगी। ग्रामीण पशु को भी पानी मिल सकेगा।
-- प्रभु महतो, ग्रामीण, धसनिया - फोटो न. 15 -- गर्मी आने के साथ ही गांव के तालाब सूखने लगे हैं और जल स्तर नीचे जा रहा है व गांव के चापाकलों से पानी नहीं निकलता है। तालाब का पानी सूखने के साथ लोगों की परेशानी बढ़ गई। तालाब का जीर्णोद्धार जरुरी है।
-- जगन्नाथ महतो, ग्रामीण, धसनिया - फोटो न. 16 --- तालाब में गाद जम जाने से तालाब की गहराई कम हो गई है। सरकार तालाब का गहरीकरण व गाद निकालने की पहल करे। तालाब का जीर्णोद्धार हो जाने से लोगों को पानी की समस्या से मुक्ति व मछली पालन व कृषि कार्य में सुविधा हो सकेगा। -- बबलू यादव, ग्रामीण, धसनिया -- फोटो न. 17