भ्रामक बातें फैलाकर निजी अस्पतालों में भर्ती करानेवाले होंगे चिह्नित

जामताड़ा सदर अस्पताल जामताड़ा में निश्शुल्क कुशल सिजेरियन को पहुंचने वाली गर्भवती महिलाओं

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 08:26 PM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 08:26 PM (IST)
भ्रामक बातें फैलाकर निजी अस्पतालों में भर्ती करानेवाले होंगे चिह्नित
भ्रामक बातें फैलाकर निजी अस्पतालों में भर्ती करानेवाले होंगे चिह्नित

जामताड़ा : सदर अस्पताल जामताड़ा में निश्शुल्क कुशल सिजेरियन को पहुंचने वाली गर्भवती महिलाओं व उनके परिजनों को भ्रामक बातों से प्रेरित कर निजी नर्सिंगहोम में भर्ती कराने की सलाह देनेवाले सक्रिय गिरोह की खोज स्वास्थ्य विभाग करेगा। इतना ही नहीं सदर अस्पताल प्रबंधन भ्रामक बातों व अफवाह से मरीज व उसके परिजन को मुक्त रखने के लिए सदर अस्पताल में जगह-जगह पोस्टर चिपकाया जाएगा। पोस्टर में अंकित रहेगा कि सदर अस्पताल में कुशल सिजेरियन व मुफ्त दवा उपलब्ध है, यहां उपचार में किसी तरह की राशि नहीं लगती है, अगर कोई अस्पताल कर्मी या अन्य महिला पुरुष उपचार के एवज में राशि की मांग करता है, तो अंकित मोबाइल नंबर पर सूचित करें।

पोस्टर में अस्पताल उपाधीक्षक, सिविल सर्जन व उपायुक्त का मोबाइल नंबर अंकित रहेगा। यह मामला तब गरम हुआ, जब पिछले सोमवार को जामताड़ा शहर के बाजार रोड की गर्भवती महिला व बिदापाथर थाना क्षेत्र के चापुरिया से सिजेरियन के लिए सदर अस्पताल पहुंची। दोनों गर्भवती महिलाओं को सिजेरियन से पूर्व भ्रामक बातों में फंसाकर कमीशन खोरी के लिए सहिया और अस्पताल कर्मी ने निजी नर्सिग होम भेजा। सिजेरियन के लिए दो महिलाएं सदर अस्पताल में भर्ती हैं, इसकी सूचना पर अस्पताल उपाधीक्षक ने विशेषज्ञ चिकित्सक के नेतृत्व में ओटी तैयार कर लिया था। इतना ही नहीं एक गर्भवती महिला को सिजेरियन के लिए ओटी कक्ष में भी प्रवेश कराया गया था। जबकि दूसरे महिला वार्ड में भर्ती थी, लेकिन सिजेरियन टीम मुस्तैद होकर ओटी कक्ष पहुंची, तो दोनों गर्भवती महिला अस्पताल से गायब मिलीं। विषम स्थिति को देखते हुए विशेषज्ञ चिकित्सक ने सभी घटनाक्रम से सिविल सर्जन डाक्टर एस के मिश्र वह अस्पताल उपाधीक्षक डा. चंद्रशेखर आजाद को अवगत कराते हुए आवश्यक व्यवस्था स्थापित करने का आग्रह किया। विशेषज्ञ चिकित्सक के आग्रह को गंभीरता से लेते हुए सिविल सर्जन ने उपाधीक्षक के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम गठित की है। टीम में जिला मलेरिया पदाधिकारी डा. डीसी मुंशी, जिला सहिया समन्वयक विपिन कुमार, अस्पताल कर्मी शामिल हैं।

-- सिजेरियन वाले अधिकतर मरीजों को भगाया जाता है : जामताड़ा सदर अस्पताल में सिजेरियन की बेहतर व्यवस्था है। जबकि निजी नर्सिग होम में सिजेरियन के नाम पर 20 से 30 हजार रुपये की वसूली की जाती है। इस मोटी रकम में स्वास्थ्य कर्मी व सहिया का भी कमीशन निर्धारित है। सदर अस्पताल में सिजेरियन को पहुंची गर्भवती व परिवारवालों को ऐसे बिचौलिए लोग यह कह कर प्रेरित करते हैं कि सदर अस्पताल में सिजेरियन की कुशल व्यवस्था नहीं है। बेहतर होगा कि किसी निजी अस्पताल में मरीज को ले जाएं। समय-समय पर इस प्रकार की घटना होती रहती है।

- वर्जन :

विशेषक चिकित्सक के माध्यम से मामला संज्ञान में आया है। इस प्रकार का प्रयास अस्पताल में न हो, इसके लिए जांच कमेटी गठित की गई है। जांच कमेटी हर एक बिदुओं पर जांच कर जांच रिपोर्ट देगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

डा. एसके मिश्र, सिविल सर्जन जामताड़ा

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