बुढ़ापे में प्यार और अपनेपन की जरूरत अधिक
उक्त बातें गुरुवार को सिविल सर्जन सभागार में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एस के मिश्रा ने कही।
संवाद सहयोगी, जामताड़ा: 1 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व में वृद्धों व प्रौढ़ों के साथ होने वाले अन्याय, उपेक्षा और दुर्व्यवहार पर लगाम लगाने के उद्देश्य से हर साल इंटरनेशनल डे ऑफ ओल्डर पर्सन मनाया जाता है। इस दिन न सिर्फ बुजुर्गों के प्रति उदार होने का संकल्प लेना चाहिए, बल्कि बुजुर्गों की देखभाल की जिम्मेदारी भी समझनी चाहिए। उक्त बातें गुरुवार को सिविल सर्जन सभागार में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एस के मिश्रा ने कही।
कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अभी जिस तरह से हम कोरोना बीमारी से जूझ रहे हैं, इसमें भी बुजुर्गों की अधिक देखभाल की जरूरत है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर में इम्यून सिस्टम भी कमजोर होने लगता है। इसी वजह से बढ़ती उम्र में कई बीमारियां भी घेर लेती हैं। उन्होंने बताया कि वृद्ध लोगों की शारीरिक बनावट में बदलाव आ जाता है। इस इस बदलाव में रीढ़ की हड्डी का मुड़ना, घुटनों और जोड़ों में दर्द की शिकायत आदि शामिल है। बुढ़ापे में स्वास्थ्य समस्याएं कम हो, इसलिए पोषक आहार की मात्रा अपनी डाइट में बनाए रखना जरूरी है। हालांकि मनोभ्रंश जैसी स्थिति के लिए पूरी तरह से सफल उपचार नहीं है, लेकिन फिर भी परिवार के सदस्यों के अच्छे व्यवहार और दवाओं की मदद से इसे काफी हद ठीक किया जा सकता है।
डॉ मिश्रा ने बताया कि सदर अस्पताल में बुजुर्गों को प्राथमिकता मिलेगी। ऐसी व्यवस्था बहाल की गई है। इस दौरान अस्पताल में भर्ती बुजुर्ग मरीजों के बीच फल वितरण किया गया। मौके पर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ चंद्रशेखर आजाद, चिकित्सक मनोज कुमार,अस्पताल प्रबंधक मौजूद थे।