राशि हजम पर योजना रह गई लंबित, स्पष्टीकरण तलब

मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) नारायणपुर प्रखंड के टोपाटाड़ पंचायत में सात में से छह सोलर अ

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 07:55 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 07:55 PM (IST)
राशि हजम पर योजना रह गई लंबित, स्पष्टीकरण तलब
राशि हजम पर योजना रह गई लंबित, स्पष्टीकरण तलब

मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) : नारायणपुर प्रखंड के टोपाटाड़ पंचायत में सात में से छह सोलर आधारित जलमीनार अधूरा रखनेवाले पंचायत सचिव को बीडीओ प्रभाकर मिर्धा ने 24 घंटे के अंदर जवाब तलब किया है। योजना समीक्षा के दौरान शुक्रवार को बीडीओ के संज्ञान में संबंधित पंचायत में राशि निकासी के बाद 14वें वित्त आयोग का योजना अधूरा रखने का मामला सामने आया था। बीडीओ इसकी सच्चाई जानने के लिए शनिवार को पंचायत का जांच करने पहुंचे। बीडीओ ने रजवारडीह, नवाटांड, पांडेडीह, पूर्णानगर, अंबाटांड़ आदि गांव में 14वें वित्त आयोग से निर्माणाधीन सोलर आधारित जलापूर्ति मीनार का जांच किया। जांच के क्रम में रजवाडीह नवाटांड़ तथा एक अन्य गांव में सिर्फ रड आदि लगा हुआ पाया गया। जबकि इन योजनाओं में संबंधित एजेंसी को राशि का भुगतान भी किया गया है। राशि का भुगतान कर और काम अधूरा रखने जैसा मामला घोर अनियमितता का बनता है। बीडीओ ने योजना की ऐसी दशा देखकर आश्चर्य व्यक्त किया। कहा कि सरकार के महत्वाकांक्षी योजना के निर्माण में ढीला ढाला रवैया कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जब इस योजना को 14 वें वित्त आयोग मद से ली गई और एक एक योजना में 3 .86 लाख रुपये खर्च करने की बात हुई तो काम को पूरा क्यों नहीं किया गया। आखिर वैसी एजेंसी से संबंधित पंचायत के कर्मी ने इकरारनामा क्यों किया जो काम को अधूरे रखता हो। इस लापरवाही में संबंधित पंचायत सचिव से लेकर एजेंसी भी दोषी है। दो वर्ष पूर्व की योजना को अब तक अधूरा रखना घोर अनियमितता का मामला है। यदि समय समय पर पंचायत सचिव के स्तर से इस योजना के निर्माण के लिए आवश्यक कदम उठाया जाता तो अब तक योजना पूर्ण हो जाती, लेकिन जांच के क्रम में लापरवाही सामने आई है।

--- त्वरित कार्रवाई करते हुए मांगा स्पष्टीकरण : बीडीओ ने पंचायत सचिव समीर घोष से स्पष्टीकरण तलब किया और 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा। पत्र में उल्लेखित है कि आखिर किस कारण अब तक योजना अधूरी है। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जिससे ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल का लाभ मिलता उसे अधूरा क्यों रखा गया। उन्होंने कहा है की स्पष्ट रूप से जवाब नहीं आया तो प्रपत्र क गठित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए आगे पत्र भेजा जाएगा।

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