किसान को लैंपस से नहीं मिल रहा पैसे का भुगतान

करमाटांड़ (जामताड़ा) धान बिक्री करने के महीनों गुजर जाने क बाद भी करमाटांड़ के कि

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 05:58 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 05:58 PM (IST)
किसान को लैंपस से नहीं मिल रहा पैसे का भुगतान
किसान को लैंपस से नहीं मिल रहा पैसे का भुगतान

करमाटांड़ (जामताड़ा) : धान बिक्री करने के महीनों गुजर जाने क बाद भी करमाटांड़ के किसानों को अब तक लैंपस से धान का भुगतान नहीं मिल पाया है। इससे किसान मायूस हैं। उनके सारे जरूरी काम पैसे के अभाव में ठप पड़े हैं। वे लैंपस के संचालक राथो मंडल से बात कर अविलंब भुगतान करने की गुहार लगा रहे हैं पर भुगतान करवाना उनके वश की बात नहीं है। इस पर राथो मंडल ने उपायुक्त को पत्र लिखकर किसानों को अविलंब भुगतान कराने की मांग की है।

चार माह बाद भी राशि नहीं मिली : राज्य सरकार ने किसानों से धान क्रय करने के लिए करमाटांड़ प्रखंड के सिकरपोसनी लैंपस का चयन किया था। लैंपस में धान की खरीदारी पर वादे के अनुसार किसानों को समय पर धान की राशि नहीं मिल पाई। इससे किसानों की स्थिति दयनीय हो चुकी है। ऊपर से लॉकडाउन का असर है। किसानों का कहना है कि राज्य सरकार किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए कई तरह की घोषणा करती है। धान क्रय के समय तीन दिनों के अंदर प्रथम किस्त के भुगतान की बात कही थी परंतु चार-छह माह गुजरने को हैं, राशि नहीं मिली।

376 किसानों ने धान बेचा था : प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में करमाटांड़ के सीकरपोसनी लैंपस ही एक मात्र धान क्रय केंद्र खुला था। इस लैंपस के माध्यम से 376 किसानों का धान खरीदा गया है। इनमें से 227 किसानों को 934 रुपये व 74 किसानों को 1025 रुपये की दर से राशि का भुगतान किया गया है। शेष किसान को अभी तक एक भी रुपये का भुगतान नहीं हुआ है। किसान प्रतिदिन लैंपस में बकाए रुपये के लिए चक्कर काट रहे हैं। किसानों का कहना है कि तीन से चार महीने होने चला फिर भी अभी तक धान के बकाये रुपये नहीं मिले हैं। अगर सरकार रुपये देने में सक्षम नहीं है तो पुन: धन को वापस कर दिया जाए। सभी किसान औने-पौने दामों में बिचौलियों के हाथों बेच देंगे।

किसानों का कहना है कि खेत में धान को उगाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कई तरह खर्च के साथ-साथ श्रम भी करना पड़ता है। धान की खरीदारी, ट्रैक्टर द्वारा खेत की जुताई, खाद की खरीदारी, मजदूरों का भुगतान रोपाई व कटाई करना पड़ता है। सभी कार्यो में नगद रुपये के साथ काम करवाना पड़ता है। चार माह हो जाने के बाद भी अभी तक किसानों को रुपये नहीं मिले हैं। ऐसी स्थिति में किसान धीरे-धीरे खेती करना छोड़ देंगे। किसान नंद किशोर मंडल मंडल ने कहा कि कोरोना काल की स्थिति में लोग बीमार पड़ गए हैं और उनके पास इलाज के लिए एक फूटी कौड़ी भी नहीं है। किसान धनेश्वर मंडल ने कहा कि सरकारी केंद्र में धान बेचने का क्या लाभ जब समय पर रुपये नहीं मिले। कुछ किसानों ने अपनी बेटी की शादी पक्की की। महाजन से रुपये लेकर शादी पार की गई पर धान का पैसा नहीं मिला।

क्या कहते हैं संचालक : लैंपस के संचालक राथो मंडल ने बताया कि राशि का भुगतान नहीं होने के कारण किसान काफी निराश हैं। इसकी जानकारी उपायुक्त को पत्र लिखकर अप्रैल माह में दे दी गई। राशि का भुगतान अब तक नहीं हो पाया। आश्वासन मिला है कि जल्दी भुगतान किया जाएगा। राशि भुगतान के लिए किसान प्रतिदिन लैंपस का चक्कर काट रहे हैं।

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