उपेक्षा के कारण सूख गया सिंगरायडीह तालाब
नारायणपुर प्रखंड के सिगरायडीह का महत्वपूर्ण तालाब इस बार समय के पूर्व ही सूख गया है। तालाब सूखने के कारण इसके आसपास से हरियाली भी गायब हो गई है। तालाब में पानीे रहने से यहां हमेशा हरियाली रहती थी। पानी के अभाव में तालाब में दरारें पड़ चुकी है।
संवाद सहयोगी, नारायणपुर (जामताड़ा) : नारायणपुर प्रखंड के सिगरायडीह का महत्वपूर्ण तालाब इस बार समय के पूर्व ही सूख गया है। तालाब सूखने के कारण इसके आसपास से हरियाली भी गायब हो गई है। तालाब में पानीे रहने से यहां हमेशा हरियाली रहती थी। पानी के अभाव में तालाब में दरारें पड़ चुकी है। अब पशुओं के समक्ष भी पानी की समस्या खड़ी हो गई है। पशु अपनी प्यास बुझाने को यत्र-तत्र भटक रहे हैं। पशुपालकों समेत अन्य ग्रामीणों की चिता भी बढ़ गई है। तालाब की साफ-सफाई व बाहरी जल के प्रवेश के उपाय नहीं किए जाने की वजह से तालाब के अस्तित्व पर यह संकट आया है।
करीब एक एकड़ में फैले तालाब का कभी भी जीर्णोद्धार नहीं हुआ। ऐसे में तालाब का आकार भी सिमटते जा रहा है। अगर तालाब का जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण हो जाए तो इसका जीवन सुरक्षित हो सकता है। बड़ी आबादी को सिचाई समेत अन्य समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। पानी रहता तो यहां मछली पालन हो सकता था। सिगरायडीह के लोगों ने विभाग से तालाब के संरक्षण की मांग की है। तालाब के जीर्णोद्धार पर बल दिया है। क्षेत्र के अन्य तालाबों का जीर्णोद्धार किया गया पर इस जलस्त्रोत पर ध्यान नहीं दिया गया। तालाब में वर्षा का जल प्रवेश नहीं होने के कारण तालाब जल्द ही सूख जाता है। तालाब सूखने से आसपास के चापाकल और कूप का जल स्तर भी नीचे चला गया है। तालाब की बदतर स्थिति से सिगरायडीह के लोग खासे चितित है। इस तालाब के पानी का लगभग 500 लोग उपयोग करते हैं। ---इस तालाब के जीर्णोद्धार व सुंदरीकरण के लिए काफी प्रयास किया गया परंतु सफलता नहीं मिली। विभागीय उपेक्षा के कारण कार्य कुछ भी नहीं हो पाया। यह निराशाजनक स्थिति है। तालाब में आज पानी रहता तो पशुओं को प्यास बुझाने के लिए भटकना नहीं पड़ता। तालाब सूखने का असर दिखने लगा है। ----नरेश बेसरा, ग्रामीण।
---तालाब में वर्षा के जल का बाहर से प्रवेश की सुविधा नहीं रहने के कारण असमय सूख गया। इसके कारण आसपास के लोगों को काफी परेशानी हो रही है। शासन-प्रशासन को तालाब की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए। तालाब का जीर्णोद्धार आवश्यक है। इस दिशा में पहल होनी चाहिए। ---मुकेश कुमार, ग्रामीण। -जलसंरक्षण के लिए तालाब का बचना जरूरी है। तालाब का जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण सरकार कराए। विभाग को इस दिशा में काम करना चाहिए। अगर समय रहते पहल नहीं हुई तो इस तालाब का अस्तित्व ही मिट जाएगा। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण होगा। बड़ी आबादी की निर्भरता तालाब से है। जल संकट से सभी प्रभावित होंगे। ---रंजीत साह ग्रामीण ---तालाब में गंदगी है तथा मिट्टी भर गई है। इस वजह से तालाब में पानी कम रहता है और समय से पहले सूख जाता है। जीर्णोद्धार होने से तालाब में पानी भरपूर मात्रा में रहेगा। इससे तालाब नहीं सूखेगा और सिचाई की सुविधा मिलने से खेती से हरियाली भी कायम रहेगी। कृषि और मछली पालन दोनों प्रभावित हो चुका है। ----लोचन कुमार, ग्रामीण।
---तालाब को संरक्षित करने की जवाबदेही प्रशासन की है। अधिकारी को इस ओर ध्यान देना चाहिए। तालाब की सफाई की जाती तो आज यह असमय नहीं मरता। लोगों को भी अपनी जवाबदेही निभानी होनी। तालाब में गंदगी ना जाए। लोग कचरा फेंकने से परहेज करें। तालाब को बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी है। ---देबू राय ग्रामीण।
---यह तालाब गांव का प्रमुख जल स्त्रोत में से एक है। अब सूखने से समस्या खड़ी हो गई है। तालाब का जीर्णोद्धार आवश्यक है। ग्रामीणों की भी जवाबदेही है कि तालाब को सुरक्षित रखने का कार्य करें। समय-समय पर तालाब की सफाई भी जरूरी है लेकिन इस पर कभी ध्यान नहीं दिया गया। वर्षा का जल तालाब में संरक्षित रखने के उपाय करने चाहिए। ---मो. महफूज ग्रामीण