भागवत कथा सुनने से मिलती पापों से मुक्ति

भागवत कथा श्रवण मात्र से ही पाप से मुक्ति मिलती है। जैसे कि गोकर्ण ने कथा कही व उसके दुराचारी भाई धुंधकारी ने मनोयोग से सुना व उसे मोक्ष प्राप्त हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 06:31 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 06:31 PM (IST)
भागवत कथा सुनने से मिलती पापों से मुक्ति
भागवत कथा सुनने से मिलती पापों से मुक्ति

बिदापाथर (जामताड़ा) : बिदापाथर थाना क्षेत्र के सिमलडूबी पंचायत के बाबूडीह गांव स्थित हरिमंदिर प्रांगण में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सह प्रवचन के पहले दिन शनिवार को नवद्वीप धाम के कथावाचक अभिजीत बनर्जी महाराज ने श्रीमद्भागवत कथा की महिमा के बारे में वर्णन किया। कहा कि भागवत कथा श्रवण मात्र से ही पाप से मुक्ति मिलती है। जैसे कि गोकर्ण ने कथा कही व उसके दुराचारी भाई धुंधकारी ने मनोयोग से सुना व उसे मोक्ष प्राप्त हो गया।

भागवत कथा का केंद्र है आनंद, आनंद में पाप का स्पर्श भी नहीं हो सकता हैं। भागवत कथा एक ऐसा अमृत है, इसको कितने भी पान करें आत्मा तृप्त नहीं होती। भक्ति के दो पुत्र हैं, पहले ज्ञान व दूसरे वैराग्य। भक्ति बड़ी दुखी थी, उसके दोनों पुत्र वृद्धावस्था में आकर भी सोए पड़े हैं। वेद वेदांत का घोल किया गया, लेकिन वे नहीं जागे। भक्ति बड़ी दुखी थी कि यदि वे नहीं जागे तो यह संसार गर्त में चला जाएगा। भागवत गीता में भगवान कृष्ण ने कहा कि भागवत कथा सुनते ही ज्ञान व वैराग्य जागृत हो जाता है। कथा के साथ-साथ भजन संगीत भी प्रस्तुत किया। इस सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सह प्रवचन के आयोजन होने से बाबूडीह, लकड़ाकुंदा, सोरेनपाड़ा, दुमदुमी, मुड़ाबहाल, नीलकंठपुर, मंझलाडीह, बाघमारा, सिमलडूबी, जलांई, नामुजलांई, चड़कमारा, मोहनबांक आदि इलाके में भक्तिमय माहौल बना हुआ है।

नौ दिवसीय राम कथा का हुआ समापन : बिदापाथर थाना क्षेत्र के कालुपहाड़ी गांव में आयोजित नौ दिवसीय राम कथा शनिवार को समाप्त हो गया। कथावाचक परमेश्वर महाराज व गौर हरि महाराज ने नौ दिनों तक बारी बारी से राम कथा महिमा, सति चरित्र, शिव विवाह, राम जन्मोत्सव, बाल लीला, अहिल्या उद्धार, कैकई-मंथरा चरित्र, राम बनवास, निशाद चरित्र, केवट चरित्र, भरत मिलाप, गंगा महिमा, अनुसुइया-सीता संवाद, सीता हरण, जटायु चरित्र, राम सुग्रीव मित्रता, अंगद-रावण संवाद, हनुमान चरित्र, मेघनाद वध, कुंभकर्ण वध, राम रावण युद्ध, रावण वध, लंका विजय, अयोध्या प्रस्थान, राम का राज्याभिषेक आदि का वर्णन किया।

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