पिता को धर्मसंकट से उबारने को राम वनवासी बने

बिदापाथर (जामताड़ा) बिदापाथर गांव स्थित भगवत मैदान में आयोजित सात दिवसीय राम कथा का बुधवार क

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 06:21 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 06:21 PM (IST)
पिता को धर्मसंकट से उबारने को राम वनवासी बने
पिता को धर्मसंकट से उबारने को राम वनवासी बने

बिदापाथर (जामताड़ा): बिदापाथर गांव स्थित भगवत मैदान में आयोजित सात दिवसीय राम कथा का बुधवार को समापन हुआ। पश्चिम बंगाल बांकुड़ा के कथावाचक मुक्ति गोस्वामी ने भगवान श्रीराम की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम हमेशा सत्य, धर्म, नीति के साथ अयोध्या में शासन किए। पिता को धर्म संकट से निजात दिलाने के लिए 14 साल के लिए वनवासी बन गए। बनवास के क्रम में कई राक्षस को वध कर धर्म की स्थापना की। रावण का वध कर जब अयोध्या लौटे तो भगवान श्रीराम की आगमन पर दीपावली मनाई गई। श्री राम के शासनकाल को रामराज के रूप में माना जाता है।

राम कथा के समापन के अवसर पर खिचड़ी प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने खिचड़ी प्रसाद ग्रहण किया। रामकथा सुनने के लिए लोगों की भीड़ देर रात तक रही। हालांकि कोविड-19 प्रोटोकाल को मानते हुए आयोजन छोटे स्तर पर किया गया। राम कथा स्थल पर विभिन्न देव-देवी की मूर्ति स्थापित की गई। आयोजक काजल गोराई ने बताया कि पूर्व में इस स्थान पर भागवत कथा सह भारत माता मेला का आयोजन होता था। दो साल से कोरोना महामारी के कारण भागवत कथा व मेला का आयोजन बंद कर दिया गया था। इस वर्ष छोटे स्तर पर रामकथा का आयोजन किया गया है। अगर आने वाले समय में स्थिति सामान्य रही तो फिर से भव्य भारत माता मेला का आयोजन किया जाएगा।

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