जयंती पर याद किए गए महान समाज सुधारक पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर

करमाटांड़ (जामताड़ा) महान समाज सुधारक पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर की 202 वीं जयंती पर उ

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 09:20 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 09:20 PM (IST)
जयंती पर याद किए गए महान समाज सुधारक पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर
जयंती पर याद किए गए महान समाज सुधारक पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर

करमाटांड़ (जामताड़ा) : महान समाज सुधारक पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर की 202 वीं जयंती पर उनकी कर्मभूमि नंदनकानन में रविवार को उन्हें याद किया गया। करमाटांड़ स्थित नंदनकानन परिसर पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। मुख्य अतिथि अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार पांडेय व विशिष्ट अतिथि विद्यासागर स्मृति रक्षा समिति के अरुण कुमार बोस, अंचल अधिकारी गुलजार अंजुम आदि ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। मौके पर प्रतिभावान छात्रों को सम्मानित किया गया। खेलकूद प्रतियोगिताएं हुई।

एसडीओ ने कहा कि केवल माल्यार्पण करना पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर जैसे महान पुरुष के लिए उचित नहीं है। ऐसे महापुरुष जिन्होंने समाज को एक दिशा दी। उनके चरित्र का मुख्य गौरव था अजेय पौरुष, अक्षय मनुष्यत्व। विश्व कवि रवींद्र नाथ टैगोर ने यह बात उस महापुरुष के लिए कही थी, जिन्होंने पूरे भारतवर्ष में नारी शिक्षा, महिलाओं के अधिकार व विधवा पुनर्विवाह का कानून पास कराकर देश में नई चेतना को जन्म दिया। आज 26 सितंबर को इस महान मानवतावादी समाज सुधारक, भारतीय पुनर्जागरण के प्रणेता पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर की जयंती है। विद्यासागर नारी शिक्षा के साथ-साथ तत्कालीन समाज में व्याप्त कुरीतियों, जात-पात, ऊंच-नीच, अंधविश्वास व धर्मान्धता के खिलाफ अविराम संघर्ष चलाते रहे। उन्होंने कहा कि समाज के उत्थान के लिए नारी शिक्षा के महत्व को देखकर नवंबर 1856 से मई 1857 तक उन्होंने बंगाल में 35 बालिका विद्यालय की स्थापना की। खुद विद्यासागर की धर्मपत्नी दीनमयी देवी निरक्षर थीं। शिक्षा पाने की ललक के बावजूद समाज में शिक्षा का अधिकार बालिकाओं को नहीं था। बालिका शिक्षा के संबंध में कई भ्रांतियों के बीच विद्यासागर का प्रण व दृढ़ निश्चय ने धीरे-धीरे नारी शिक्षा का द्वार प्रशस्त किया। यहां के हर युवा की पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर जैसे महान पुरुषों की हर कहानी, उनके विचार, उनके द्वारा चलाए गए हर कार्यो का जन-जन तक पहुंचाना प्राथमिकता होनी चाहिए। मौके पर लालटू सरकार, चंदन मुखर्जी, सच्चिदानंद सिन्हा, गोपाल दत्ता, देवाशीष मिश्र, ज्योति मंडल, डीडी भंडारी समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।

अनुमंडल पदाधिकारी को पुस्तक देकर किया सम्मानित : विद्यासागर स्मृति रक्षा समिति के डीडी भंडारी ने अनुमंडल पदाधिकारी को पुस्तक देकर सम्मानित किया। समिति के लोगों ने नंदनकानन में समस्याओं की चर्चा की। एसडीओ ने इसका समाधान करने व नंदनकानन परिसर में लाइट की व्यवस्था करने का भरोसा दिया।

--सात विद्यार्थी सम्मानित : सरस्वती शिशु विद्या मंदिर की प्रिया कुमारी, करण यादव, राकेश कुमार मंडल, शिवानी कुमारी, राजकीय गुलाबराय गुटगुटिया स्कूल की कुमारी नासिर अंसारी, बहामुनी हांसदा को विद्यासागर स्मृति रक्षा समिति ने माध्यमिक परीक्षा में बेहतर अंक प्राप्त करने को सम्मानित किया। उन्हें प्रशस्ति पत्र, पुरस्कार व 1000 रुपये सम्मान राशि मिली।

--रेलवे स्टेशन पर भी मनी जयंती : विद्यासागर रेलवे स्टेशन पर भी पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर स्टेशन के लोगों ने उन्हें याद किया। इस मौके पर स्टेशन प्रबंधक एमपी सिंह, चंदन मुखर्जी समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।

---खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन : जयंती पर खेल महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन समाजसेवी विनोद मंडल ने कराया। एथलेटिक, फुटबाल प्रतियोगिता रखी गई। करमाटांड़ प्रखंड के विभिन्न गांव के खिलाड़ियों ने भाग लिया। समाजसेवी विनोद मंडल ने कहा कि पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर महान समाज सुधारक थे। ऐसे महान समाज सुधारक की जयंती पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन प्रतिवर्ष होना चाहिए। वे हमेशा सहयोग को तत्पर हैं। विजय प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। वहीं झारखंड युवा शक्ति संघ के संस्थापक प्रीतम मंडल ने सभी खिलाड़ियों का हौसला अफजाई करते हुए उसे पुरस्कार दिए। मौके पर एकेडमी के कोच निवास मंडल, मुखिया मनोज मंडल, संतोष मंडल, राजीव सिंह, बलराम मंडल, दीपक रजक, सौरभ कुमार, अशोक मंडल, विनोद मंडल उपस्थित थे।

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