मनरेगा मजदूरों को 40 दिनों से नहीं हुआ मानदेय का भुगतान
संवाद सहयोगी जामताड़ा झारखंड प्रदेश के सभी जिले में महामारी नियंत्रण को लेकर पिछले 22
संवाद सहयोगी जामताड़ा : झारखंड प्रदेश के सभी जिले में महामारी नियंत्रण को लेकर पिछले 22 अप्रैल से आंशिक लॉकडाउन लगा दिया गया है। वर्तमान समय में भी लॉकडाउन जारी है। ऐसे विषम परिस्थितियों में मनरेगा और दिहाड़ी मजदूरों के लिए परिवार का भरण-पोषण करना काफी मुश्किल हो रहा है। वहीं दूसरी ओर बात करें मजदूरों के लिए जीविकोपार्जन के सबसे महत्वाकांक्षी मनरेगा की तो लगभग 40 दिनों से मजदूरी भुगतान नहीं हो पाया है। ऐसे में मजदूरों के समक्ष काफी संकट उत्पन्न हो रहा है।
जिले में छह प्रखंड है। 40 हजार से अधिक सक्रिय मजदूर का भरण-पोषण मनरेगा योजना पर निर्भर करता है। नारायणपुर प्रखंड में 25 पंचायत में करीब 320 से अधिक मनरेगा योजना चल रही है। जिसमें छह हजार से अधिक मजदूर कम कर रहे हैं। लेकिन पहली अप्रैल से मजदूरी का भुगतान नहीं मिल पा रहा है। जिले में मनरेगा के तहत चल रही अधिकांश योजना सिचाई कूप, नाली, मिट्टी मोराम सड़क, तालाब, आम बागवानी व डोभा की है। मजदूरों को अगर शीघ्र भुगतान नहीं होता है तो उनके समक्ष विकट परिस्थिति उत्पन्न हो जाएगी। आंशिक लॉकडाउन में दिहाड़ी मजदूरों के लिए मनरेगा काफी सार्थक सिद्ध होता है। लेकिन समय से राशि भुगतान नहीं होने की वजह से मजदूरों को अपने परिवार का पालन-पोषण करने में कठिनाई हो रही है।
-- क्या कहते हैं मनरेगा में कार्यरत मजदूर : टोपटांड़ के सिचाई कूप में कार्यरत मनरेगा मजदूर सलीम अंसारी का कहना है कि होली के समय भुगतान हुआ था। उसके बाद से खाते में राशि नहीं आई है। भुगतान नहीं होने से परिवार का भरण-पोषण करने में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। मजदूर उत्तम कुमार और अंजना देवी का कहना है कि मजदूरी नहीं मिलने से लॉकडाउन में दिक्कत बढ़ गई है। लॉकडाउन की वजह से कहीं अन्य काम भी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में परेशानी काफी बढ़ जा रही है।
इधर अधिकारी रामवृक्ष महतो ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित रोजगार योजना है। कुछ तकनीकी गड़बड़ी के कारण मजदूरों का भुगतान नहीं हो पा रहा है। इस समस्या को वरीय अधिकारियों को अवगत कराते हुए शीघ्र निराकरण का प्रयास किया जा रहा है।