महामारी से निजात को खुदा से इबादत
संवाद सूत्र जामताड़ा रमजान का आखिरी अशरा जल्द समाप्त होने वाली है लेकिन छोटे बच्चों में
संवाद सूत्र, जामताड़ा : रमजान का आखिरी अशरा जल्द समाप्त होने वाली है लेकिन छोटे बच्चों में जो चाहत रोजा रखने की है, वह कहीं कम नहीं हो रही है। अब तो मौसम भी रोजेदार को साथ देने लगी है। ठंडे सुहाने मौसम का फायदा रोजेदार उठा रहे हैं। रोजा की समाप्ति पर ईद के चांद के दीदार रोजेदार करने वाले हैं। मुस्लिम समाज के बूढ़े, जवान, महिला, बच्चों ने रोजा रख अल्लाह की इबादत कर कोविड-19 महामारी से निजात के लिए खुदा से दुआएं मांगी। छोटे नन्हें रोजेदार बच्चों ने भी खुदा की इबादत कर महामारी से निजात के लिए दुआएं मांगी ।
---दूसरी कक्षा की छात्रा होस्टल में रहकर पढ़ाई करती है। लेकिन लॉकडाउन की वजह से घर पर मम्मी- पापा के साथ रोजा रख रही है। अल्लाह से अपने घर में अमन-चैन के लिए दुआ की। सबों को रोजा रखने की नसीहत भी दी।
---नौ वर्षीय जासमिन खातून।
----चौथी कक्षा में पढ़ते हैं। इस वर्ष पूरे रोजा रखेंगे। बस कुछ रोजे बच गए हैं। वह भी पूरे हो जाएंगे। खुदा से रोजा रखकर अच्छे अक्ल के लिए दुआ करता हूं । कोरोना से निजात को फरियाद करते हैं।
---बारह वर्षीय जुनैद अंसारी।
----तीसरी कक्षा में पढ़ते हैं। कई रोजा रखे। अब आइंदा साल रमजान के महीने में सारे रोजे रखेंगे। रोजा रखने और इफ्तार करने का मजा कुछ और ही है। यह सभी को नसीब नहीं होता। रोजा सभी रखें।
----दस वर्षीय मो परवेज आलम।
--- चौथी कक्षा में पढ़ते हैं। रमजान के इस पवित्र महीने में 13 रोजा रखे। अभी कुछ रोजे और रखेंगें। अल्लाह ने चाहा तो आने वाले साल में पूरी इबादत कर सभी रोजा रखने का प्रयास करेंगे। आगे साल भी कोरोना भी नहीं रहेगा। यही दुआ करते हैं।
---नौ वर्षीय अब्दुल रहमान।