पोषण में लाखों खर्च, कुपोषण उपचार केंद्र के बेड खाली

संवाद सहयोगी जामताड़ा कुपोषण मुक्त समाज निर्माण को लेकर प्रखंड व जिला स्तरीय अस्पताल में कु

By JagranEdited By: Publish:Mon, 13 Sep 2021 06:23 PM (IST) Updated:Mon, 13 Sep 2021 06:23 PM (IST)
पोषण में लाखों खर्च, कुपोषण उपचार केंद्र के बेड खाली
पोषण में लाखों खर्च, कुपोषण उपचार केंद्र के बेड खाली

संवाद सहयोगी, जामताड़ा : कुपोषण मुक्त समाज निर्माण को लेकर प्रखंड व जिला स्तरीय अस्पताल में कुपोषण उपचार केंद्र चल रहा है। उपचार केंद्रों में दिन- रात स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति है। इतना ही नहीं हर केंद्र में कुपोषित बच्चे व उनके माता-पिता के आवासीय सुविधा उपलब्ध है। इन सुविधाओं के साथ उपचार की मुकम्मल व्यवस्था है, जिसमें सरकार के प्रतिमाह लाखों रुपये खर्च को रहे पर विभागीय उदासीनता व लोगों में जागरूकता की कमी के चलते कुपोषण केंद्र के अधिकांश बेड खाली पड़े रहते हैं। ऐसा नहीं कि जिले में कुपोषण की समस्या नहीं है और कुपोषित बच्चे नहीं हैं पर वे यहां तक पहुंच नहीं पाते।

--सर्वे में 86 कुपोषित चिह्नित : चालू वित्तीय वर्ष के सर्वेक्षण में जिले में कुल 86 कुपोषण बच्चे की पहचान हुई थी जिसमें से चालू वित्तीय वर्ष के नौ माह गुजर जाने के बाद 26 कुपोषित बच्चों का उपचार किया गया है। जबकि 24 कुपोषित बच्चे विभिन्न उपचार केंद्र में इलाजरत है। जामताड़ा सदर अस्पताल स्थित कुपोषण उपचार केंद्र की क्षमता दस बेड है, जबकि नाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्थित कुपोषण उपचार केंद्र की क्षमता 20 बेड निर्धारित है। इसी प्रकार नारायणपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्थित कुपोषण उपचार केंद्र की क्षमता दस बेड निर्धारित है।

---सदर में महज चार कुपोषित बच्चे इलाजरत : वर्तमान समय में जामताड़ा सदर अस्पताल स्थित कुपोषण उपचार केंद्र में चार कुपोषित बच्चे जबकि नारायणपुर कुपोषण उपचार केंद्र में तीन कुपोषित बच्चे, नाला कुपोषण उपचार केंद्र में 12 बच्चे इलाजरत है। इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि नाला कुपोषण केंद्र में आठ बेड, नारायणपुर कुपोषण केंद्र में सात बेड जबकि जामताड़ा कुपोषण केंद्र में छह बेड खाली है,। खाली बेड और प्रतिनियुक्त स्वास्थ्य कर्मी कुपोषित बच्चे के भर्ती होने का इंतजार कर रहे हैं। वर्तमान समय में जिले के विभिन्न प्रखंड में 36 कुपोषित बच्चे उपचार पाने का इंतजार कर रहे है। ऐसे में बच्चे कुपोषण उपचार केंद्र तक कब और कैसे पहुंचेंगे यह गंभीर सवाल है। ---क्या कहते हैं उपाधीक्षक : सदर अस्पताल उपाधीक्षक डाक्टर चंद्रशेखर आजाद बताते हैं कि कुपोषित बच्चे की पहचान कर उसे नजदीकी कुपोषण उपचार केंद्र में भर्ती कराने की जिम्मेवारी आंगनबाड़ी कर्मी, स्वास्थ्य सहिया, पोषक क्षेत्र की एएनएम को दी गई है। इन कर्मियों ने कुपोषित बच्चे की पहचान व उसे उपचार केंद्र में भर्ती कराने में रुचि कम दिखा रही है। कुपोषण उपचार केंद्र सुव्यवस्थित है। कुपोषित बच्चों व उसके माता को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसके लिए कुपोषण केंद्र प्रभारी गंभीर है।

---क्या कहती सीडीपीओ : सीडीपीओ सविता कुमारी ने बताया कि समीक्षा बैठक में आंगनबाड़ी सेविका को निर्देश दिया जाता है कि आंगनबाड़ी केंद्र में संपन्न मासिक टीकाकरण शिविर में कुपोषित बच्चे का पहचान प्रत्येक माह करें। पहचान किए गए कुपोषित बच्चों को नजदीकी एएनएम से संपर्क कर कुपोषण उपचार केंद्र तक पहुंचा दें। किस पोषक क्षेत्र में कुपोषण बच्चे की पहचान की गई है और अब तक कुपोषण उपचार केंद्र नहीं पहुंच पाया है, ऐसे पोषक क्षेत्र के सेविकाओं को स्पष्टीकरण किया जाएगा।

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