बारिश होने पर खेती की तैयारी में जुटे किसान

संवाद सहयोगी जामताड़ा 12 दिनों से मौसम का मिजाज बदलने से न सिर्फ चिलचिलाती धूप और गर्मी से क्ष

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 05:12 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 05:12 PM (IST)
बारिश होने पर खेती की तैयारी में जुटे किसान
बारिश होने पर खेती की तैयारी में जुटे किसान

संवाद सहयोगी, जामताड़ा : 12 दिनों से मौसम का मिजाज बदलने से न सिर्फ चिलचिलाती धूप और गर्मी से क्षेत्र के लोगों को राहत मिली है, बल्कि मेहनतकश किसानों के चेहरे पर खुशी भी दिखने लगी है। मानसून आने में भले ही देरी है, कितु थोड़ी-बहुत आए दिन हो रही बारिश के साथ ही किसान खेत को तैयार करने में जुट गए हैं। सभी प्रखंड क्षेत्र के किसान प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व हल-बैल लेकर अपने खेत तैयार करने के लिए निकल पड़ते हैं।

जिले के नारायणपुर, करमाटांड़, नाला, कुंडहित, फतेहपुर जामताड़ा प्रखंड के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले 12 दिनों से कभी सुबह तो कभी शाम को बारिश हो रही है। नारायणपुर क्षेत्र के जरुआ गांव में खेत जोत रहे प्रगतिशील किसान युनूस अंसारी ने बताया कि वर्तमान समय में हुई बारिश खरीफ फसल उत्पादन के लिए अमृत समान साबित होगी। मई माह के पहले सप्ताह में हुई बारिश से खेत जुताई का कार्य आरंभ हो गया है। मई में जोताई की गई खेत में सूर्य की तपिश के बाद मिट्टी से कीटाणु समाप्त हो जाते हैं और मिट्टी में उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है। जिस कारण खरीफ फसल उत्पादन में बढ़ोतरी होती है। किसान हाफिज अंसारी ने कहा कि बारिश फायदेमंद है।

डोकीडीह के किसान बलदेव रजवार व बुधन रजवार ने बताया जिस वर्ष अप्रैल व मई माह में बारिश नहीं होती है, उस वर्ष खेत की तैयारी समय पर नहीं हो पाता। इतना ही नहीं खेतों में लगाई गई खरीफ फसल कीट के शिकार हो जाती है। किसान जादू रजवार का मानना है कि मई माह में खेतों की जुताई होने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। फसल बुवाई के उपरांत फसल को खरपतवार से मुक्ति मिलती है। यह खरीफ फसल के लिए काफी फायदेमंद साबित होती है। उन्होंने कहा कि फसल के लिए खेत में चार दफा जोताई की जाती है। इससे मिट्टी में नमी आती है। फसल की उपज में बढ़ोतरी होती है। इस बार अनुकूल स्थिति को देखते हुए पेशेवर किसान उत्साहित हैं। यही वजह है कि सुबह ही डोकीडीह, बराटाड़, बडाबहाल, अम्बाटांड़,रामनगर,भलगाढ़ा आदि गांव के किसान बिना विलंब के मकई, अरहर, बरबटी व धान के लिए खेत तैयार करने में जुट गए हैं। -- 28 अप्रैल से शुरू हुई है बारिश : ढ़ाई माह की प्रचंड गर्मी व सूर्य की तपिश से परेशान लोगों को 28 अप्रैल को हुई बारिश के बाद राहत मिली है। प्रतिदिन किसी न किसी समय आधे से एक घंटे के बीच बूंदाबांदी बारिश हो रही है। बारिश के साथ तेज हवा होने के कारण आम समेत गरमा सब्जी फसल को नुकसान जरूर पहुंच रहा है। इधर बेमौसम हो रही बारिश के कारण वज्रपात की भी घटना भी बढ़ी है।

-- वर्जन : वर्तमान समय में हो रही बूंदाबांदी बारिश खरीफ फसल के लिए अमृत साबित होगा। जरूरत है किसान उत्साहित होकर बारिश का लाभ उठाने के लिए खेतों की तैयारी शुरू कर दें। मई माह में खेत जुताई करने के उपरांत खरीफ फसल बुवाई तक खेतों की मिट्टी में सूरज की किरण पड़ती है और मिट्टी से कीट और खरपतवार नष्ट होता है। मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। ---सबन गुड़िया जिला कृषि पदाधिकारी जामताड़ा।

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