अंबाटांड़ गांव के युवाओं ने कोरोना से बचाव को उठाया बिड़ा

संवाद सहयोगी जामताड़ा दूसरे चरण के कोरोना महामारी की चपेट में सिर्फ शहर के लोग ह

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 06:55 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 06:55 PM (IST)
अंबाटांड़ गांव के युवाओं ने कोरोना से बचाव को उठाया बिड़ा
अंबाटांड़ गांव के युवाओं ने कोरोना से बचाव को उठाया बिड़ा

संवाद सहयोगी, जामताड़ा : दूसरे चरण के कोरोना महामारी की चपेट में सिर्फ शहर के लोग ही नहीं आ रहे, बल्कि महामारी की पहुंच गांवों तक होने लगी है। इसे रोकने के लिए गांव के युवा अब जागरूक हो चुके हैं। नारायणपुर प्रखंड के अंबाटांड़ गांव के युवाओं ने कल्याण समूह बनाकर लोगों को संक्रमण से बचाव का अभियान चला रखा है। पिछले एक पखवाड़े पूर्व गांव में दो युवक संक्रमित हुए थे। इसके बाद ये युवा ग्रामीणों को बचाव के नियमों के अनुपालन करने की सीख दे रहे हैं। अब यह स्थिति है कि लोग बेवजह घर से नहीं निकलते। निकलते तो मास्क पहनकर।

अंबाटांड़ गांव की आबादी 200 के करीब है। कोरोना की दूसरी लहर में अपनी पढ़ाई छोड़कर विभिन्न राज्यों और जिलों से यहां एक दर्जन युवक पहुंचे हैं। इन्हीं युवाओं की प्रेरणा से गांव के युवक भी दूसरे को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है। गांव में बाहरी लोगों के प्रवेश पर निगरानी रखने के अलावा महामारी के प्रति लोगों को जागरूक करने का कार्य शुरू किया है। युवा टीम बनाकर सुबह, दोपहर व शाम को गांव के समीप चौराहे पर जागरूकता चौपाल लगाते हैं। चौपाल के क्रम में मार्ग में आवाजाही करने वाले लोगों को जागरूक करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर रहे। बैनर- पोस्टर के साथ लोगों को कोरोना से बचाव के लिए सावधानी बरतने का संदेश दे रहे हैं। लोगों को कोरोना से बचने के लिए मास्क पहनने, शारीरिक दूरी का अनुपालन करने व साफ- सफाई पर ध्यान देने की जानकारी दी जा रही है।

सोमवार को चौराहे के चौपाल पर बैठे एक दर्जन युवाओं में से कन्हैया लाल ने बताया कि युवाओं के जागरूकता का परिणाम यह है कि गांव में एक दर्जन से अधिक महिला, पुरुष संक्रमित हुए और होम आइसोलेशन में संक्रमण मुक्त हुए। गांव महामारी को लेकर कोई भी सदस्य भयभीत नहीं हैं। इसका परिणाम है कि बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक सभी महामारी नियंत्रण के निर्धारित शर्तों का अनुपालन कर रहे हैं। अजीत कुमार ने बताया कि बाहर से पहुंचे लोगों को गांव में प्रवेश करने से पूर्व नमूना जांच व सात दिनों तक होम क्वारंटाइन में रहने की व्यवस्था की जाती है। संक्रमण से संबंधित किसी प्रकार के लक्षण पाए जाने पर तत्काल चिकित्सकीय परामर्श पर उपचार शुरू करवाया जाता है। इस व्यवस्था में घर पर ही पांच बुजुर्ग महिला व पुरुष संक्रमण मुक्त होने में सफल हुए। वर्तमान समय में गांव में कोई भी संक्रमित नहीं है। सदस्यों का प्रयास है कि अब आसपास के गांव के लोगों को भी वे जागरूक करेंगे।

युवा विष्णु कहते हैं कि नारायणपुर प्रखंड में अंबाटांड़ व आसपास स्थित पांडेडीह, बड़ाबहाल समेत कई अन्य गांव में एक दर्जन से अधिक महिला, पुरुष व युवक संक्रमित हुए हैं। सभी का उपचार होम आइसोलेशन में हुआ है। अधिकांश संक्रमितों को मेडिकल किट उपलब्ध नहीं हो पाई थी। संक्रमण मुक्त होने तक उन्हें सरकारी चिकित्सा का न तो लाभ मिला और न ही किसी चिकित्सक ने संपर्क किया। युवाओं की जागरूकता व सहयोग ही उनके काम आया।

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