शरारती तत्वों ने जलाए दो सौ पौधे

संवाद सहयोगी कुंडहित (जामताड़ा) महेशपुर मोजा स्थित तपन मंडल की आम बागवानी में सोमवार दो

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 12:54 AM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 12:54 AM (IST)
शरारती तत्वों ने जलाए दो सौ पौधे
शरारती तत्वों ने जलाए दो सौ पौधे

संवाद सहयोगी, कुंडहित (जामताड़ा): महेशपुर मोजा स्थित तपन मंडल की आम बागवानी में सोमवार दोपहर ढाई बजे आग लग गई। इससे आम, अमरूद के दौ सौ पौधे झुलस गए। किसान ने इसे शरारती तत्वों की करतूत बताई। सूचना मिलते ही कुंडहित थाना की पुलिस, बनकाटी पंचायत के पंचायत सचिव, रोजगार सेवक, बीपीआरओ ने वस्तुस्थिति की जानकारी ली। पुलिस ने पीड़ित किसान को आवेदन देने को कहा।

लाभुक सह बनकाटी निवासी तपन मंडल ने थाने में शिकायत की और बीडीओ मुआवजा मांगा। तपन ने बताया दिन के ढाई बजे के आसपास कुछ अराजक तत्व तालाब के नीच शराब पी रो थे। शराब पीने के बाद उन्होंने सूखे पत्तों में आग लगा दी। आग की लपटें इतनी तेज थी कि दो एकड़ जमीन पर लगे आम और अमरूद के 200 पौधे जल गया। दो तालाब के मेड़ व एक झोपड़ी जल गई। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में महेशपुर मौजा स्थित डिएडंगाल में पौधे लगाए थे। चारों और बाड़ बनाकर सीम, कद्दु, केला, अरहर की खेती कर रहे थे। बगान में सूखी घास थी। आग की चपेट में आने पर धधक उठी।

बीडीओ गिरिवर मिज ने बताया कि लाभुक के आवेदन के अनुसार कानूनी करवाई की जाएगी।

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कुंडहित व फतेहपुर में जले घर, हजारों की क्षति

संवाद सहयोगी, कुंडहित (जामताड़ा) : सोमवार दोपहर 11 हजार वोल्ट बिजली के तार में शॉट सर्किट होने से कुंडहित प्रखंड के माझगड़िया गांव मे पाखु व श्यामपद के घर में आग लग गई। दोनों घरों को लगभग 30 हजार रुपये का नुकसान हुआ है। घर के पीछे 11 हजार वोल्ट के बिजली तार ताड़ के पत्ते से सटने लगा। जोर से हवा चलने के कारण तार से चिगारी निकली और घर पर गिर गई। देखते- देखते पाखू का घर पूरी तरह से जल गए। ग्रामीण ने तत्परता दिखाते हुए कुआं, चापाकल, तालाब से पानी लाकर आग बुझाई। पीड़ित परिवार ने तार हटाने व क्षतिपूर्ति की मांग अंचलाधिकारी से की है।

संवाद सहयोगी, फतेहपुर( जामताड़ा): फतेहपुर थाना क्षेत्र के अंगुठिया जोरडीहा सड़क के बगल कोड़ापाड़ा निवासी जियालाल टुडू के घर में दोपहर को आग लगी। बच्चों ने खेल- खेल माचिस जलाया। इससे बिचाली में आग लग गई । फिर झोपड़ी जल गई। पानी की भी वहां समुचित व्यवस्था नहीं रहने से आग को नियंत्रित करने में लोगों को काफी मशक्कत करना पड़ी।

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