मुस्लिम संगठनों का सादगी के साथ त्योहार मनाने का फैसला

जामताड़ा इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-अल-अव्वल की 12 वीं तारीख व अंग्रेजी कैलेंडर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 08:12 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 08:12 PM (IST)
मुस्लिम संगठनों का सादगी के साथ त्योहार मनाने का फैसला
मुस्लिम संगठनों का सादगी के साथ त्योहार मनाने का फैसला

जामताड़ा : इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-अल-अव्वल की 12 वीं तारीख व अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 19 अक्टूबर, सोमवार को ईद-उल-मिलादुन्नबी मनाया जाएगा। हालांकि कोरोनाकाल की वजह से इस साल भी शहर में किसी तरह का कोई रौनक नहीं है। इस साल कोविड-19 को देखते हुए विभिन्न मुस्लिम संगठनों ने सादगी के साथ त्योहार मनाने का निर्णय लिया है। माना जाता है कि इस दिन मक्का शहर में 571 ईसवी में पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब का जन्म हुआ था। इसी की याद में ईद मिलादुन्नबी का पर्व मनाया जाता है।

-- साल भर में तीन ईद : ईद अरबी शब्द है। उर्दू व फारसी में भी इसका उपयोग होता है। ईद का हिन्दी अर्थ पर्व या त्योहार है। अरबी, उर्दू और फारसी में भी ईद का अर्थ खुशी या हर्षोल्लास होता है। मुस्लिम धर्म यानी इस्लामी कैलेंडर के अनुसार साल में तीन ईद मनाई जाती है। पहली ईद उल-फीतर जो कि रमजान के रोजों के बाद शव्वाल महीने की पहली तारीख को मनाई जाती है। इसे मीठी ईद भी कहा जाता है। इस दिन खीर बनाई जाती है और खुशी मनाते हुए सबको खिलाई भी जाती है। इसके बाद इस्लामी कैलेंडर के आखरी महीने की दसवीं तारीख को ईद-उल-अजहा मनाया जाता है। इसे बकरीद भी कहा जाता है, इसी दिन हज भी अदा किया जाता है। वहीं, इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-अल-अव्वल की 12वीं तारीख को ईद मिलादुन्नबी मनाया जाता है।

-- ऐसे मनाया जाता है पर्व : इस दिन पैगंबर मोहम्मद हजरत साहब द्वारा दी गई सीख को पढ़ा जाता है और उन्हें याद किया जाता है। मोहम्मद हजरत साहब के द्वारा किए गए सभी अच्छे कामों को याद किया जाता है। बच्चों को पैगंबर मोहम्मद साहब के बारे में तालीम दी जाती है। ईद मिलादुन्नबी पर रात भर इबादत व दुवाएं की जाती हैं।

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