मनरेगा मजदूरों को समय पर नहीं मिल रही मजदूरी

मुरलीपहाड़ी ( जामताड़ा ) सरकार की लेट लतीफी के कारण मनरेगा योजना में कार्यरत कर

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 07:11 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 07:11 PM (IST)
मनरेगा मजदूरों को समय पर नहीं मिल रही मजदूरी
मनरेगा मजदूरों को समय पर नहीं मिल रही मजदूरी

मुरलीपहाड़ी ( जामताड़ा ): सरकार की लेट लतीफी के कारण मनरेगा योजना में कार्यरत करीब बारह सौ मजदूरों को पिछले डेढ़ माह से मजदूरी का भुगतान नहीं हो रहा है। फंड के कमी के कारण मजदूरों को इन दिनों एक-एक पैसे के लिए मोहताज होना पड़ रहा है। मनरेगा की मजदूरी पर आश्रित परिवार सरकार के इस देरी से काफी परेशानी में हैं। नारायणपुर प्रखंड के सभी पच्चीस पंचायतों में करीब तीन सौ योजनाएं मनरेगा की संचालित हैं। उसमें से महत्वपूर्ण योजना बिरसा मुंडा बागवानी योजना, सिचाई नाली आदि है। इस महत्वपूर्ण योजना में सैकड़ों मजदूरों ने कार्य किया है और उन्हें इन दिनों मजदूरी के लिए सरकार से राशि निर्गत होने का इंतजार करना पड़ रहा है।

प्रत्येक पंचायत के मजदूरों का आंकड़ा लिया जाय तो कम से कम प्रति पंचायत पचास मजदूर औसतन मनरेगा में मजदूरी करते हैं। इनका जीवकोपार्जन का साधन सिर्फ मनरेगा में मजदूरी ही है। इन्हें काम के बाद से मजदूरी की आस रहती है। केंद्र सरकार समय-समय पर पंचायतों के बजट के अनुरूप प्रखंड कार्यालय के मनरेगा मद में राशि आवंटित करती रहती है। अभी जून 21 के तीसरे सप्ताह तक मनरेगा मद में यहां के मजदूरों को भुगतान हुआ था। इसके बाद से ही राशि मजदूरों के खाते में नहीं आ रही है। लिहाजा मजदूरों को इन दिनों आर्थिक संकट झेलना पड़ रहा है। मनरेगा के निबंधित मजदूरों का कई आवश्यक कार्य नहीं हो रहा है। खेती के लिए खाद आदि का जुगाड़ कामगार नहीं कर पा रहे हैं। मजदूर मजदूरी मिलने का इंतजार कई सप्ताह से कर रहे हैं।

क्या कहते हैं मजदूर

सरकार मजदूरोंकी जरूरत पर ध्यान नहीं दे रही है। जब योजना में काम किया गया है तो समय पर मजदूरी का भुगतान होना चाहिए। काफी तंगी में है। भुगतान नियमित होना चाहिए।

--- मोहम्मद मंसूर, मजदूर, धरमपुर

---मजदूरी की आस में काम करते हैं पर समय पर यदि मजदूरी नहीं मिले तो ऐसा काम करके क्या लाभ। इससे अच्छा तो दूसरे शहरों में काम करना ही ठीक रहता है। वहां समय पर मजदूरी तो मिल जाती है।

---फिरोज आलम, मजदूर, कोयडीहा

---मनरेगा में पंद्रह दिन के अंदर मजदूरी का भुगतान होना चाहिए, लेकिन काम किए महीने भर हो गए। उसके बाद भी मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है। नियमों की अनदेखी सरकार स्वयं कर रही है।

--- रंजीत यादव, मजदूर, नवाडीह

--क्या कहते हैं अधिकारी : बीपीओ विद्युत मुर्मू ने बताया जिन मजदूरों ने योजना में कार्य किया है उनकी मजदूरी का एमआइएस कर दिया गया है। विभाग बहुत जल्द की मजदूरों के खाते में मजदूरी की राशि भेज दी जाएगी।

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