मकान मालिकों पर बढ़ा होल्डिग टैक्स बढ़ोतरी का बोझ

संवाद सूत्र मिहिजाम(जामताड़ा) मिहिजाम नगर पर्षद क्षेत्र में इन दिनों होल्डिग टैक्स बढ़ने से मक

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 05:59 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 05:59 PM (IST)
मकान मालिकों पर बढ़ा होल्डिग टैक्स बढ़ोतरी का बोझ
मकान मालिकों पर बढ़ा होल्डिग टैक्स बढ़ोतरी का बोझ

संवाद सूत्र, मिहिजाम(जामताड़ा):

मिहिजाम नगर पर्षद क्षेत्र में इन दिनों होल्डिग टैक्स बढ़ने से मकान मालिक दबाव में हैं। पूर्व के अनुपात में चार गुना टैक्स बढ़ने से लोग नप की कर प्रणाली से खफा हैं। अब उनकी खीज वार्ड पार्षदों पर निकल रही है। ऐसे में दर्जन भर मकान मालिकों का होल्डिग टैक्स पूर्व से चार हजार रुपये अधिक हो गया है। किसी को दस हजार तो किसी को चालीस हजार की रसीद थमा दी गई है। कई आवास मालिकों को तो 90 हजार तक टैक्स जमा करने का फरमान मिला है। आवास मालिक सवाल उठा रहे हैं कि टैक्स की राशि में पूर्व की तुलना में बेतहाशा वृद्धि कैसे हो गई। इसकी जानकारी लेने पर पता चला कि आवास का असेसमेंट (मूल्यांकन) के आधार पर टैक्स रसीद भेजी गई है। लोगों ने वार्ड पार्षद को लिखित सूचना दे कर बढ़े टैक्स की राशि के बारे में जानकारी दी है। इस संदर्भ में नगर पर्षद के टैक्स संग्रह से जुड़े लोगों ने बताया कि वर्ष 2016 में नगर पर्षद क्षेत्र में यूएलवी संस्थान के माध्यम से होल्डिग टैक्स वसूलने का कार्य आरम्भ किया गया था। इस दौरान नगर पर्षद क्षेत्र में रहने वाले लोगों को एक सैफ (सेल्फ असेसमेंट फार्म) के माध्यम से आवास का मूल्यांकन मकान मालिक को स्वयं देना था। उसी मूल्यांकन के आधार पर होल्डिग टैक्स निर्धारित किया गया और वसूली की जा रही थी। जब एजेंसी के लोगों ने मकानों का असेसमेंट किया तो सैफ फार्म में दी गई मापी की जानकारी के अनुसार आवास का क्षेत्रफल अधिक निकला। इसी पर एजेंसी ने टैक्स निर्धारित किया।

गौरतलब है कि कई आवासों व दुकानों का सैफ असेसमेंट के तहत वर्ष 2016 से टैक्स जमा किया जा रहा था पर वर्तमान में टैक्स संग्रह एजेंसी ने मापी में बढ़े हुए आवास व दुकान के हिस्से को फिर से मूल्यांकन कर जुर्माना के साथ टैक्स की रसीद मालिकों को भेजी है। इसी से समस्या उत्पन्न हुई है। अब कई लोग तो अपने घरों का टैक्स देने से परहेज कर रहे तो कई ने टैक्स नहीं देने का मन बना लिया है। ---क्या कहते हैं वार्ड पार्षद : होल्डिग टैक्स बढ़ाने की शिकायत मिली है। पूर्व के मूल्यांकन को रद कर फिर से मूल्यांकन कर पूरा आवास पर टैक्स निर्धारित कर दिया गया है। इससे आवास मालिकों पर बेवजह टैक्स का बोझ पड़ गया है। टैक्स कलेक्शन एजेंसी इसमें सुधार करें। --विष्णु देव मुर्मू(वार्ड पार्षद)। ---टैक्स संग्रह करने वाले संस्थान की मनमानी के कारण गरीब लोगों पर अतिरिक्त बोझ पड़ गया है। टैक्स में लगाए गये जुर्माना को माफ करने की जरूरत हैं। एजेंसी मूल्यांकन पूर्व ठीक से प्रक्रिया पूरी करतीं, ऐसी परिस्थिति नही होती।

--- महावीर राय(वार्ड पार्षद)। ---जब आवास मालिक वर्ष 2016 में सैफ फार्म में आपने आवास का मूल्यांकन किए और फिर दो वर्ष के बाद एजेंसी ने मूल्यांकन कर टैक्स को बढ़ाया जो उचित नहीं है। एजेंसी के ऐसे कार्य से लोग परेशान है। इससे राजस्व संग्रह में काफी नुकसान हो रहा है।

- अरुण यादव(वार्ड पार्षद)। ---क्या कहते हैं अध्यक्ष :

टैक्स कलेक्शन करने वाली संस्था को पूर्व में ही आवासों का मूल्यांकन कर लेना चाहिए था। दो- तीन वर्ष बीतने के बाद मूल्यांकन कर जुर्माना लगाते हुए पुनर्मूल्यांकन करना ठीक नही हैं। इसके लिए पिछली बोर्ड की बैठक में संस्थान के वरीय अधिकारी से एक सप्ताह का भीतर जवाब मांगा गया है। जनता इस टैक्स संग्रह व्यवस्था से परेशान हो चुकी है।

- कमल गुप्ता (नप अध्यक्ष)। ---क्या कहते हैं एसडीओ : टैक्स संबंधित कुछ शिकायतें लोगों से मिली थी। टैक्स एजेंसी कर्मी को निर्देशित कर निराकरण कर दिया गया है। किसी के साथ अन्याय नहीं होगा। ---संजय कुमार पांडे, एसडीओ।

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