गंभीर मरीजों की स्थिति में हो रहा सुधार
संवाद सहयोगी जामताड़ा जिला स्तरीय कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल में इलाजरत गंभीर अवस्था के
संवाद सहयोगी, जामताड़ा : जिला स्तरीय कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल में इलाजरत गंभीर अवस्था के मरीजों के स्वास्थ्य में आवश्यक सुधार आ रहा है। इसी का परिणाम है कि कोरोना अस्पताल में 24 घंटे के अंदर ऑक्सीजन सपोर्ट में उपचार चल रहे मरीजों की संख्या में 30 प्रतिशत कमी आई है। शनिवार को कोरोना अस्पताल में 64 संक्रमित मरीज का उपचार ऑक्सीजन सपोर्ट में चल रहा था जिस की स्थिति गंभीर बनी हुई थी। रविवार शाम अस्पताल में मात्र 40 गंभीर अवस्था के संक्रमित हैं जो ऑक्सीजन सपोर्ट बेड पर हैं।
इतना ही नहीं शनिवार को कोरोना अस्पताल में छह-छह संक्रमित वेंटिलेटर एवं बाई पेप सपोर्ट में इलाजरत थे। यह संख्या घटकर क्रमश: तीन और दो हो गई है। चिकित्सक विशेषज्ञ डॉ दुर्गेश झा ने बताया कि इलाज के उपरांत स्वस्थ होकर अस्पताल से घर जाने वाले व्यक्ति व स्वजन को महामारी नियंत्रण को लेकर निर्धारित शर्तों के अनुपालन को नियमित पाठ पढ़ाया जा रहा है। इसका परिणाम शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में दिख रहा है। आम लोगों की सतर्कता का परिणाम है कि महामारी के प्रसार पर आंशिक अंकुश लगा है। आम लोगों को आगे और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। आम लोगों को अपने परिवार के साथ आस-पड़ोस के लोगों को भी महामारी से बचाव को लेकर सतर्क रहने को प्रेरित करने की जरूरत है।
-- अप्रैल माह के आठ दिन में 925 संक्रमित मिले, 253 संक्रमण मुक्त हुए थे : अप्रैल माह में वैश्विक कोरोना महामारी का प्रकोप चरम पर था। इसी का परिणाम था कि 18 से 25 अप्रैल तक जिले में 925 संक्रमित मरीज मिले थे, जबकि उपचार के उपरांत इस आठ दिन में 253 व्यक्ति संक्रमण मुक्त हुए थे। हालांकि इस अवधि में 4054 व्यक्तियों का नमूना संग्रह किया गया था और 6524 नमूने की जांच की गई थी। इसी प्रकार स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह के छह दिनों की तुलनात्मक बात करें तो 3 से 8 मई तक 6431 नमूने की जांच की गई थी 673 संक्रमित मिले थे। इसमें उपचार के उपरांत 1445 संक्रमण मुक्त हुए थे। प्रस्तुत आंकड़े से स्पष्ट होता है कि स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह की सख्ती व आम लोगों की सतर्कता ने सक्रिय संक्रमित मरीज की संख्या में कमी लाई है।