ईश्वर चंद्र विद्यासागर के कार्यो को आगे बढ़ाना जरूरी : डीआरएम

करमाटांड़ (जामताड़ा) पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर की 131वीं पुण्यतिथि पर गुरुवार को आसनसोल

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 06:28 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 06:28 PM (IST)
ईश्वर चंद्र विद्यासागर के कार्यो को आगे बढ़ाना जरूरी : डीआरएम
ईश्वर चंद्र विद्यासागर के कार्यो को आगे बढ़ाना जरूरी : डीआरएम

करमाटांड़ (जामताड़ा): पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर की 131वीं पुण्यतिथि पर गुरुवार को आसनसोल डीआरएम सुमित सरकार ने गुरुवार को करमाटांड़ नंदनकानन स्थित पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नम आंखों से याद किया। माल्यार्पण कार्यक्रम के बाद डीआरएम ने पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर के स्मृति के रूप में रखे हुए पलंग व उनकी जन्म भूमि से लाई गई मिट्टी को भी छूकर माथे से लगाया। विद्यासागर के भवन में बनी लाइब्रेरी को बारीकी से देखा। उनसे जुड़ी हर चीज की जानकारी स्थानीय समिति के लोगों से ली। विद्यासागर स्मृति रक्षा समिति के लोगों ने शाल व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। डीआरएम ने महान समाज सुधारक के कार्यो को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।

डीआरएम ने कहा कि पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर महान समाज सुधारक थे। जिन्होंने अपने जीवन काल के अंतिम 20 वर्ष करमाटांड़ में गुजारे। उस समय इस इलाके में अंधविश्वास व रूढ़ीवादी परंपराएं समाज में गहरी पैठ रखती थी। बीमारी और भुखमरी से लोगों का जीवन बेहाल था। यह सब देख पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने बंगाल रुख करने के बजाय करमाटांड़ में रहने लगे। अपने निवास स्थान का नाम नंदनकानन रखा। आज भी नंदनकानन में उनकी स्मृतियां जीवंत है। महिलाओं के प्रति विशेष ध्यान रखने वाले महापुरुष जिन्होंने अपने जीवन के अंतिम वर्ष समाज की सेवा के लिएए अर्पण कर दिया। ऐसे महापुरूषों के द्वारा किए गए कार्यो का लोगों का अनुसरण करना चाहिए और उसे आगे भी बढ़ना चाहिए।

---पर्यटन स्थल का दर्जा दिलाने की मांग : कार्यक्रम के बाद समिति के सदस्यों ने भी बारी-बारी से अपने विचार रखे। समिति के सदस्य डीडी भंडारी ने कहा कि पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर का नंदनकानन काफी उपेक्षित है। इसके सुंदरीकरण जरूरी है। तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने करमाटांड़ प्रखंड का नामकरण पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर करने की घोषणा की थी। वर्तमान सरकार की ओर से इसे पूरा नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है । मौजूदा राज्य सरकार इस पर ध्यान दे। पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर के नंदनकानन को पर्यटक स्थल का दर्जा मिले। मौके पर एडीआरएम एमके मीना, सीनियर डीसीएम शांतनु चक्रवर्ती, सीनियर डीएसओ एके दास, सीनियर डीओएम एसपी सिंह, स्टेशन मास्टर एमपी सिंह, पीडब्ल्यूए के भुनेश्वर मंडल, पीटी मनीष रंजन, उज्ज्वल दुबे, विद्यासागर स्मृति रक्षा समिति के अरुण कुमार बोस, चंदन मुखर्जी, विद्रोह मित्र, सच्चिदानंद सिन्हा, शिवशंकर मंडल, भोले मंडल, राजाराम मंडल समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।

----विद्यासागर रेलवे स्टेशन के निरीक्षण : पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर के प्रतिमा पर माल्यार्पण कार्यक्रम के समापन के दौरान डीआरएम ने विद्यासागर रेलवे स्टेशन का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने विद्यासागर स्टेशन को हाईटेक स्टेशन बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि 2020 में विद्यासागर रेलवे स्टेशन पर कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए। कोविड-19 के कारण 2021 में कार्य बाधित हो चुका है। जो कार्य लंबित है उसे अविलंब पूर्ण किया जाएगा। डीआरएम ने निर्माणाधीन ओवर ब्रिज के कार्य को पूर्ण करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि विद्यासागर रेलवे स्टेशन पर पानी, शौचालय व स्वच्छता पर विशेष रूप से ध्यान दें। इसके साथ ही उन्होंने टिकट काउंटर क ी सारी खिड़कियां खोलने का निर्देश दिया। लोगों के खड़े होने की जगह पर पंखा लगाने का बात कही। ताकि यात्रियों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो। विद्यासागर रेलवे स्टेशन पर निगरानी के लिए भी सीसीटीवी कैमरा लगाने की घोषणा की।

---स्थानीय लोगों ने डीआरएम से मांग रखी :

स्थानीय लोगों ने डीआरएम से कई ट्रेनों के ठहराव की मांग की। इनमें जनशताब्दी के ठहराव की मांग की गई। कहा कि स्थानीय लोगों को इस ट्रेन से काफी सुविधाएं मिल सकती हैं। विद्यासागर स्मृति रक्षा समिति के लोगों ने नंदनकानन परिसर व विद्यासागर रेलवे स्टेशन पर प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर को नम आंखों से याद किया गया। कोविड-19 के कारण नंदनकानन परिसर पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जा सका।

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