तीसरी लहर में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ी तो नाकाफी हो सकती सुविधाएं

जामताड़ा दूसरी लहर में स्वास्थ्य विभाग की अपेक्षित तैयारी की कमी समेत आवश्यक संसाधन उपकर

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 07:43 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 07:43 PM (IST)
तीसरी लहर में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ी तो नाकाफी हो सकती सुविधाएं
तीसरी लहर में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ी तो नाकाफी हो सकती सुविधाएं

जामताड़ा : दूसरी लहर में स्वास्थ्य विभाग की अपेक्षित तैयारी की कमी समेत आवश्यक संसाधन, उपकरणों के अभाव के कारण स्वास्थ्य विभाग को गंभीर संक्रमित मरीजों के उपचार में परेशानी का सामना करना पड़ा था। उस वक्त जिले के 10 आइसोलेशन बेड, सात वेंटिलेटर बेड व पांच आइसीयू तथा 35 आक्सीजन सिलेंडर युक्त बेड स्थापित था। जबकि संक्रमित मरीजों की संख्या प्रतिदिन 100 के आस-पास होती थी। प्रस्तावित तीसरी लहर में ऐसी समस्याओं के निवारण को स्वास्थ्य विभाग ने सभी सुविधाअओं का तीन गुना विस्तार किया है। इतना ही नहीं अस्पतालों में कई सुविधाओं का विस्तार का काम चल रहा है, लेकिन संक्रमण का बवंडर फिर दूसरी लहर की तुलना में ज्यादा मरीजों के रूप में सामने आया तो सुविधाएं कम पड़ सकती हैं।

---बन रहा आक्सीजन प्लांट : सदर अस्पताल में महिला, पुरुष, आइसीयू, आइसोलेशन समेत सभी वार्ड के सत प्रतिशत बेड को पाइप लाइन के माध्यम से आक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए अस्पताल परिसर में आक्सीजन प्लांट का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। अस्पताल स्थित आइसोलेशन वार्ड के सभी पांच बेड को वेंटिलेटर युक्त बनाया गया है। इतना ही नहीं अस्पताल की तीसरी मंजिल में चाइल्ड डेडिकेटेड कोविड वार्ड स्थापित किया जा रहा है। इसी प्रकार जिलास्तरीय कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल उदलबनी में सात से बढ़ाकर 20 बेड को वेंटिलेटर युक्त किया गया है। 25 बेड में पाइप लाइन के माध्यम से आक्सीजन आपूर्ति की व्यवस्था की गई है। 60 बेड में कंसंट्रेटर लगा है, ताकि मरीजों को आक्सीजन उपलब्ध कराने में परेशानी नहीं हो। सदर अस्पताल व जिलास्तरीय कोरोना अस्पताल में आइसीयू बेड का विस्तार किया गया है। पूर्व में आइसीयू बेड स्थापित नहीं था। वर्तमान समय में कोरोना अस्पताल में 10 व सदर अस्पताल में पांच बेड स्थापित हो चुका है।

-- 200 सिलेंडर सुरक्षित : सदर अस्पताल व कोरोना अस्पताल में पाइप लाइन के अतिरिक्त वैकल्पिक आक्सीजन की सुविधा उपलब्ध कराने को स्वास्थ्य विभाग ने 200 आक्सीजन सिलेंडर सुरक्षित रखा है। पाइपलाइन से प्राणवायु की आपूर्ति में गड़बड़ी उत्पन्न होने की स्थिति में आक्सीजन की किल्लत महसूस नहीं होगी। सिलेंडर से इसकी भरपाई की जाएगी।

-- दवा की कमी नहीं होगी : दूसरी लहर में अचानक संक्रमित की संख्या बढ़ने व दवा की उपलब्धता का स्त्रोत कम रहने के कारण अस्पताल प्रबंधन को परेशानी का सामना करना पड़ा था। दूसरी लहर ने अस्पताल प्रबंधन को दवा की उपलब्धतावाले सभी स्त्रोतों को ढूंढने को विवश किया था। संभावित तीसरी लहर से पूर्व आवश्यक सभी प्रकार की दवा उपलब्ध कराने में स्वास्थ्य विभाग सफल रहा है। अब दवा की कमी नहीं होगी।

-- वर्जन :

प्रस्तावित तीसरी लहर के मुकाबले के लिए स्वास्थ्य विभाग दिन प्रतिदिन सुविधाओं के मामले में सशक्त समृद्ध हो रहा है। राज्य मुख्यालय की देखरेख में उपचार से संबंधित सुविधा व उपकरणों का विस्तार हो रहा है। जिले ें आक्सीजन की समस्या से निपटने के लिए सदर अस्पताल परिसर व मिहिजाम स्थित प्राथमिक अस्पताल परिसर में आक्सीजन प्लांट निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। जिला स्तरीय कोरमा अस्पताल को पाइप लाइन से सभी बेड को सुसज्जित कर दिया गया है। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए 200 से अधिक आक्सीजन सिलेंडर को सुरक्षित रखा गया है। सदर अस्पताल के तीसरी मंजिल में चाइल्ड डेडिकेटेड कोरोना वार्ड का निर्माण अंतिम चरण में चल रहा है। ---आशा एक्का, सिविल सर्जन जामताड़ा।

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