समिति व समुदाय का सहयोग मिले तो राज्यभर में बदल सकता शैक्षिक परिदृश्य

जामताड़ा कोरोना संक्रमण काल के दौरान राज्य के कुछ विद्यालयों में प्रबंधन समितियों व अन्य स

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 05:14 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 05:14 PM (IST)
समिति व समुदाय का सहयोग मिले तो राज्यभर में बदल सकता शैक्षिक परिदृश्य
समिति व समुदाय का सहयोग मिले तो राज्यभर में बदल सकता शैक्षिक परिदृश्य

जामताड़ा : कोरोना संक्रमण काल के दौरान राज्य के कुछ विद्यालयों में प्रबंधन समितियों व अन्य समुदाय सदस्यों के सहयोग से ऑनलाइन शिक्षा, पाठ्यपुस्तक वितरण, मध्याह्न भोजन वितरण जैसे क्षेत्रों में अनुकरणीय कार्य किया गया। कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई का काफी नुकसान हुआ है। अगर शिक्षकों को प्रबंधन समिति व समुदाय के अन्य लोगों का अपेक्षित सहयोग मिले तो पूरे राज्य में बेहतर शैक्षिक परिदृश्य बनाया जा सकता है। ये बातें गुरुवार को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव राजेश कुमार शर्मा ने अपनी अध्यक्षता में संताल परगना प्रमंडल के सभी विद्यालय प्रबंधन समितियों, पंचायती राज संस्थान के जनप्रतिनिधियों, प्रधानाध्यापकों साथ संपन्न यूट्यूब के माध्यम से आयोजित वेबिनार में कहा।

मुख्य वक्ता के रूप में प्रधान सचिव व परियोजना निदेशक ने विद्यालय प्रबंधन समिति के महत्व एवं कोरोना संक्रमण काल के दौरान किए गए कुछ अनुकरणीय कार्यो के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि कोई भी विद्यालय बिना सामुदायिक सहयोग के लंबे समय तक अस्तित्व में नहीं बना रह सकता है। उन्होंने प्रबंधन समिति के सदस्यों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि विद्यालय में उनके भी बच्चे पढ़ते हैं। इसलिए उनके पास दोहरा दायित्व है। वे विद्यालय के प्रबंधन समिति सदस्य के साथ-साथ विद्यालय के अभिभावक भी हैं।

राज्य परियोजना निदेशक ने कहा कि मोहल्ला क्लासेज के संचालन में भी समुदाय के सदस्यों के काफी बेहतरीन कार्य किया है। अगर शिक्षकों को प्रबंधन समिति व समुदाय के अन्य लोगों का अपेक्षित सहयोग मिलेगा तो शिक्षक राज्य में बेहतर शैक्षिक माहौल बनाने में सफल होंगे। कोविड के कारण बच्चों का काफी नुकसान हुआ है जिसके लिए राज्य में डिजी साथ 2.0 कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इसमें बच्चों को वाट्सएप के माध्यम से डिजिटल कंटेंट उपलब्ध करवाने के साथ-साथ साप्ताहिक क्विज जैसी अन्य गतिविधियां भी करवाई जा रही हैं। प्रबंधन समिति व जनप्रतिनिधियों से निवेदन है कि अपने मोहल्ले में मोबाइल-विहीन बच्चों को सभी सुरक्षात्मक उपायों को ध्यान में रखते हुए मोबाइल शेयरिग करवाएं। शिक्षकों से मिलकर सुनिश्चित करें कि सभी बच्चों को निश्शुल्क पाठ्यपुस्तक प्राप्त हो चुकी है।

जामताड़ा जिले के बारे में बताया गया कि यहां सामुदायिक सहयोग से पाठ्यपुस्तकों का वितरण किया गया है। मध्याह्न भोजन वितरण में भी प्रबंधन समिति सहित समुदाय से अपेक्षित सहयोग मिला है। शिक्षक साप्ताहिक क्विज व वाट्सएप ग्रुप से बच्चों को जोड़ने के लिए समुदाय के साथ मिलकर प्रयास कर रहे हैं। फाउंडेशन के सुजीत कुमार ने बताया कि राज्य द्वारा संचालित कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ऑनलाइन अभिभावक-शिक्षक दिवस के आयोजन पर विचार किया जा रहा है। इसके माध्यम से अभिभावक डिजी साथ सहित अन्य कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानेंगे। वहीं दूसरी ओर शिक्षकों को अपेक्षित सहयोग मिलने की संभावना बढ़ेगी। वेबिनार में अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी संजय कुमार कापरी, उज्ज्वल कुमार मिश्र सहित विभिन्न प्रखंडों के प्रखंड पदाधिकारी शामिल थे।

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