30 साल से उपेक्षित है हदहदिया तालाब

संवाद सहयोगी नारायणपुर (जामताड़ा) नारायणपुर का हदहदिया तालाब सूख गया है। तालाब स

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 12:45 AM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 12:45 AM (IST)
30 साल से उपेक्षित है हदहदिया तालाब
30 साल से उपेक्षित है हदहदिया तालाब

संवाद सहयोगी, नारायणपुर (जामताड़ा) : : : नारायणपुर का हदहदिया तालाब सूख गया है। तालाब सूखने के कारण आम लोगों के साथ-साथ पशुओं को भी परेशानी हो रही है। इस तालाब का उपयोग लोग पटवन करने, स्नान-ध्यान करने मछली पालन आदि के कार्य में करते थे। वर्षा का जल तालाब में ठीक से प्रवेश नहीं होने की स्थिति में ही तालाब फिलहाल सूख की मार झेल रहा है। मवेशियों की प्यास बुझाने के लिए उन्हें दूर का जलाशय ले जाना पड़ रहा है। आसपास का जलस्तर भी काफी नीचे चला गया है। समय पर तालाब की सुध ली जाती तो इन समस्याओं से आज वास्ता नहीं पड़ता पर तालाब को सुरक्षित रखने की चिता समय पर किसी ने नही की। करीब 30 वर्ष पूर्व इस तालाब का निर्माण हुआ था । उसके बाद कभी मरम्मत नही हुई है। धीरे धीरे तालाब का क्षेत्रफल छोटा होता गया। मिट्टी व गाद अस्तित्व को मिटा रहा है।

ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने जल संरक्षण को गंभीरता से कभी नहीं लिया गया। अन्य स्थानों क जलाशयों का जीर्णोद्धार हुआ परंतु इस तालाब की ओर प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया।

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---जीर्णोद्धार के लिए कई बार तालाब का सर्वे किया गया, परंतु इस पर आज तक अमल नहीं किया गया। तालाब को संरक्षित रखने के लिए विभाग को पहल करनी चाहिए थी। तालाब में बारिश में बाहर के पानी के प्रवेश का रास्ता नहीं है। इस पर भी ध्यान दिया जाता आज तालाब सूखने से बच जाता।

---डबलू कुमार ग्रामीण। ---30 पूर्व स्थानीय लोगों ने मिलकर तालाब का निर्माण किया था। यह तालाब हदहदिया पोखर के नाम से जाना जाता है। काफी पानी पहले रहता था। गहरीकरण से तालाब में पानी भविष्य में संग्रह रह पाएगा। इससे पानी के लिए लोगों को इधर उधर भटकना नही पड़ेगा। आज तालाब सूख जाने से हर वर्ग परेशानी में है।

---भगवान कुमार ग्रामीण। ---हदहदिया तालाब वर्तमान में सूख गया है। आम लोगों के साथ साथ पशुओं को भी परेशानी हो रही है। तालाब का उपयोग लोग स्नान करने, कपड़े साफ करने में करते थे। विभागीय उपेक्षा के कारण तालाब का अस्तित्व खतरे में है। अब कुआं व चापाकल का जलस्तर भी रसातल जाने लगा है। तालाब की उपेक्षा की वजह से यह समस्याएं खड़ी हुई है। जीर्णोद्धार जरूरी है।

---मो. सनाउल ग्रामीण

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