शिक्षकों के समर्थन में खड़े हुए अभिभावक

अभिभावकों ने कहा कि लंबे समय से सरकारी स्कूलों में शिक्षक की कमी से छात्रों का पठन-पाठन प्रभावित था। उसके बाद हाई स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति होने के बाद से ही पढ़ाई सुचारू ढंग से होने लगी थी लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश के बाद से विद्यालय में शिक्षकों का आना बंद हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 01 Oct 2020 06:58 PM (IST) Updated:Thu, 01 Oct 2020 06:58 PM (IST)
शिक्षकों के समर्थन में खड़े हुए अभिभावक
शिक्षकों के समर्थन में खड़े हुए अभिभावक

संवाद सहयोगी, फतेहपुर (जामताड़ा): नियोजन नीति में त्रुटि पाए जाने पर उच्च न्यायालय की ओर से हाई स्कूल के शिक्षकों की रद की गई नियुक्ति को लेकर छात्र-छात्राओं के अभिभावकों में निराशा है।

प्रखंड के धसनिया गांव के अभिभावक सिमंत बाउरी, संतोष कुमार महतो, अर्जुन राय, रामदास बाउरी, ज्ञान हेम्ब्रम, तपन कुमार चौधरी, दिनेश कुमार साधू, सिटू पुजहर, नित्य गोराई, राकेश चौधरी, हेला नाथ दे, जयंत कुमार सिंह, राजेंद्र मरांडी ने कहा कि लंबे समय से सरकारी स्कूलों में शिक्षक की कमी से छात्रों का पठन-पाठन प्रभावित था। उसके बाद हाई स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति होने के बाद से ही पढ़ाई सुचारू ढंग से होने लगी थी, लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश के बाद से विद्यालय में शिक्षकों का आना बंद हो गया है। इससे जब स्कूल खुलेंगे तो असर छात्रों के पढ़ाई पर पड़ेगा ।

कहा कि राजनीतिक दलों के निजी स्वार्थ के कारण ही ऐसा हुआ है । कहा कि सरकार अगर सही ढंग से न्यायालय में अपना पक्ष रखती तो यह नौबत ही नहीं आती । हालांकि शिक्षकों की नियुक्ति न्यायालय ने रद करने के बाद सरकार की तंद्रा टूटी है। सरकार सर्वोच्च न्यायालय जाने की बात कही है। यह निर्णय निश्चित ही स्वागत योग्य है। साथ ही अभिभावकों ने कहा कि दो राजनीतिक दलों के आपसी स्वार्थ के कारण इन शिक्षकों पर बेरोजगारी की तलवार गिरी है। इसमें इन शिक्षकों का क्या दोष है। ये लोग परीक्षा देकर पास करने के बाद नियुक्त हुए थे। उक्त लोगों ने मुख्यमंत्री से मांग की कि प्रभावित शिक्षकों की फिर से नियुक्त करने का प्रयास हो।

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