संकट में पड़ेगी मरीजों की जान, 90 मरीज पर एक एंबुलेंस

जिले में कोरोना वायरस का प्रकोप दिन प्रतिदिन फिर बढ़ता जा रहा है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के संसाधन का विस्तार नहीं हो रहा है। संक्रमित मरीज की पहचान होने पर मरीज को उसके घर से जिला स्तरीय कोरोना अस्पताल तक लाने व संक्रमण मुक्त के उपरांत अस्पताल से मरीज को घर तक पहुंचाने की व्यवस्था एंबुलेंस के भरोसे है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 07:06 PM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 07:06 PM (IST)
संकट में पड़ेगी मरीजों की जान, 90 मरीज पर एक एंबुलेंस
संकट में पड़ेगी मरीजों की जान, 90 मरीज पर एक एंबुलेंस

संवाद सहयोगी जामताड़ा : जिले में कोरोना वायरस का प्रकोप दिन प्रतिदिन फिर बढ़ता जा रहा है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के संसाधन का विस्तार नहीं हो रहा है। संक्रमित मरीज की पहचान होने पर मरीज को उसके घर से जिला स्तरीय कोरोना अस्पताल तक लाने व संक्रमण मुक्त के उपरांत अस्पताल से मरीज को घर तक पहुंचाने की व्यवस्था एंबुलेंस के भरोसे है। इतना ही नहीं जिला स्तरीय कोरोना अस्पताल में उपचार के क्रम में अगर किसी संक्रमित मरीज की स्वास्थ्य गंभीर होती है तो उसे अन्य जिले के अस्पताल में ले जाने का साधन भी 108 एंबुलेंस ही है। पर, विडंबना है कि ये सारे कार्य केवल तीन एंबुलेंस के भरोसे हो रहा है। नतीजतन 108 एंबुलेंस की कमी अब खलने लगी है।

वर्तमान समय में जिले में प्रतिदिन औसतन 50 सक्रिय संक्रमित मरीज की पहचान हो रही है। इतने मरीजों को उसके घर से जिला स्तरीय कोरोना अस्पताल तक मरीज को पहुंचाना ही तीन एंबुलेंस के लिए कठिन कार्य साबित हो रहा है। कोरोना नियंत्रण में सहयोग को अधिकृत तीनों 108 एंबुलेंस रात-दिन दायित्व निर्वहन में लगी है। फिलहाल कोरोना अस्पताल उदलबनी में 270 सक्रिय संक्रमित मरीज इलाजरत हैं। इलाजरत मरीजों में से किसी की स्वास्थ्य बिगड़ती है तो तत्काल उसे धनबाद स्थित सेंट्रल अस्पताल समेत अन्य जगह ले जाने में जरूरत पड़ती है। एंबुलेंस की संख्या कम रहने के कारण समय पर संक्रमित मरीज को उसके घर से जिला स्तरीय कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल पहुंचाने में दिक्कत हो रही। कभी-कभी तो कोरोना अस्पताल प्रबंधन के समक्ष ऐसी विषम परिस्थिति उत्पन्न होती है कि अतिरिक्त एंबुलेंस के लिए सिविल सर्जन व सदर अस्पताल उपाधीक्षक के पास आग्रह करना पड़ता है।

जिला स्तरीय कोरोना अस्पताल के प्रभारी डॉ दुर्गेश झा ने बताया कि आवश्यकता के अनुरूप उपलब्ध एंबुलेंस की संख्या कम है। इसके बावजूद भी अब तक संक्रमित मरीजों की आवाजाही में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न नहीं हुआ है लेकिन एंबुलेंस की सेवा रात और दिन लेना पड़ रहा है।

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