लंबित मांगों के समर्थन में सीआरपी-बीआरपी ने काला बिल्ला लगा किया काम

जामताड़ा सीआरपी-बीआरपी महासंघ केंद्रीय कमेटी के निर्देश पर लंबित मांगों के समर्थन में

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 06:15 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 06:15 PM (IST)
लंबित मांगों के समर्थन में सीआरपी-बीआरपी ने काला बिल्ला लगा किया काम
लंबित मांगों के समर्थन में सीआरपी-बीआरपी ने काला बिल्ला लगा किया काम

जामताड़ा : सीआरपी-बीआरपी महासंघ केंद्रीय कमेटी के निर्देश पर लंबित मांगों के समर्थन में बुधवार को जिले के सीआरपी-बीआरपी ने काला बिल्ला लगाकर सरकारी उपेक्षा का विरोध जताया। सीआरपी-बीआरपी ने अपने संकुल में काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रकट करते हुए अपने कर्तव्य का निर्वहन किया। मौके पर सीआरपी - बीआरपी महासंघ के जिलाध्यक्ष वरूण राणा ने कहा कि लंबित मांगों के समर्थन में राज्य के सभी जिले व प्रखंड में सीआरपी बीआरपी ने बुधवार को काला बिल्ला लगाकर विरोध जताया। कहा कि अप्रैल 2020 से सीआरपी-बीआरपी की अनुश्रवण भत्ता, टीए तथा अक्टूबर 2020 से इंटरनेट रिचार्ज की राशि का भुगतान पर राज्य परियोजना कार्यालय से रोक लगा दी है। राणा ने बताया कि इस संबंध में सीआरपी-बीआरपी महासंघ ने परियोजना कार्यालय को कई बार आवेदन देकर भुगतान की मांग किया है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि 16 मार्च 2020 को झारखंड विधानसभा घेराव के दौरान संयुक्त शिक्षा सचिव के साथ हुई वार्ता में भी भुगतान का आश्वासन दिया गया था। राणा ने कहा कि कोविड-19 के दौरान सीआरपी-बीआरपी को प्रशासन के विभिन्न पदाधिकारियों ने विभिन्न महामारी नियंत्रण कार्य पर लगाया गया। साथ ही उन्हें बच्चों के ऑनलाइन नामांकन, पाठ्य पुस्तक वितरण, साइकिल वितरण, मध्याह्न भोजन चावल वितरण, डिजिटल कंटेंट बनाने एवं डीजी साथ एप में विद्यालयों के ग्रुप में भेजने का भी काम साथ करना होता है। मगर इसके लिए किसी प्रकार की राशि का भुगतान नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 कार्य करते हुए नाला के सीआरपी तारकनाथ साधु कोरोना संक्रमित हो गए तथा उनकी जान चली गई, इसके बावजूद भी जिला प्रशासन ने उनके आश्रित परिजनों को आज तक किसी प्रकार का मुआवजा का भुगतान नहीं किया। काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन करनेवालों में जिलाध्यक्ष वरुण कुमार राणा, नूतन झा, रंजीत कुमार सिन्हा, प्रभात सिन्हा, संजीत मिस्त्री, रासबिहारी झा, परिमल मंडल, तापस चटर्जी अकबर हुसैन, मुकेश अंसारी, मकसूद अंसारी सहित दर्जनों सीआरपी व बीआरपी शामिल हुए।

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