लाभुक ने अपने बकाए के लिए बीडीओ का वाहन रोका

करमाटांड़ (जामताड़ा ) करमाटांड़ की प्रखंड विकास पदाधिकारी पल्लवी सिन्हा के स्थानांतरण

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 08:36 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 08:36 PM (IST)
लाभुक ने अपने बकाए के लिए बीडीओ का वाहन रोका
लाभुक ने अपने बकाए के लिए बीडीओ का वाहन रोका

करमाटांड़ (जामताड़ा ): करमाटांड़ की प्रखंड विकास पदाधिकारी पल्लवी सिन्हा के स्थानांतरण होने के बाद रविवार को करमाटांड़ आवास से सामग्री ले जाने के क्रम में बवाल खड़ा हो गया। क्वारंटाइन सेंटर में भोजन आपूर्ति करनेवाले दुर्योधन मंडल ने अपनी बकाया राशि के भुगतान नहीं होने से आक्रोशित होकर निवर्तमान बीडीओ का वाहन रोक दिया। तीन घंटे से ज्यादा समय तक वाहन के सामने मंडल प्रदर्शन करते रहे। थाना प्रभारी रजनीश आनंद ने लाभुक मंडल समेत उनके स्वजनों को समझा कर लिखित आवेदन देने को कहा। न मंडल ने थाना प्रभारी की बात मानकर लिखित आवेदन दिया तक वाहन जाने दिया गया।

क्या है मामला : करमाटांड़ प्रखंड परिसर स्थित कैंटीन से कोरोना काल में आनेवाले प्रवासियों व प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन क्वारंटाइन सेंटर कस्तूरबा विद्यालय व आइटीआइ भेजा जाता था। कुल राशि 2.58 लाख का विपत्र बना था। इसमें बीडीओ ने 1.55 लाख भुगतान वेंडर श्यामदेव मंडल से कराया था। शेष राशि का भुगतान एक वर्ष गुजरने के बाद भी नहीं किया गया। इसी दौरान बीडीओ का स्थानांतरण हो गया। राशि के लिए मंडल ने कई बार मांग की पर आश्वासन ही मिलता रहा। दुर्योधन मंडल ने उपायुक्त को 31 मार्च 2021 को मामले की जानकारी लिखित रूप से दी थी। इस पर एसडीओ ने बीडीओ से पूछताछ कर लिखित जानकारी मांगी थी। भुगतान नहीं होने के कारण दुर्योधन मंडल के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चल रही थी। मंडल बता रहे हैं कि भोजन खिलाने के लिए जिस दुकान से राशन लिया था आज भी वे तगादा कर रहे हैं। घर की स्थिति भी ठीक नहीं। तंग आकर वाहन को रोके। अगर भुगतान नहीं होता है तो पूरे परिवार की सारी जवाबदेही प्रशासन पर होगी। करीब चार घंटे तक वाहन पर आवास की सामग्री लोडिग करने के बाद दुर्योधन मंडल ने उसे रोके रखा। वह रो-रोकर अपनी आपबीती सबको को सुना रहा था।

--एक और मामला : लोक सभा निर्वाचन के दो वर्ष बीत जाने के उपरांत भी आपूर्ति की गई सामग्री का भुगतान नहीं करने पर मैसेज आर्या कि ट्रेडर्स के प्रोपराइटर संतोष मंडल ने आरोप लगाया कि बीडीओ की कार्यशैली स्वार्थ से भरी थी। वह हर काम अपने स्वार्थ के अनुसार करती थीं। दो वर्ष बीत जाने के बाद भी आपूर्ति सामग्री का भुगतान नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने भी प्रशासन से भुगतान की मांग की।

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