ठंड से ठिठुरते बेघरों का सहारा बनी युवाओं की ये टीम
गरीब सड़क के किनारे पेड़ के नीचे या बंद दुकानों के बाहर छज्जे के नीचे रात गुजारना बेहतर समझते हैं। ऐसे लोगों को देखकर शहर की संस्था वायस ऑफ ह्यूमिनिटी के सदस्यों ने एक बार फिर गरीबों को ठंड से बचाने की मुहिम शुरू कर दी है।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। लौहनगरी में धीरे-धीरे ठंड बढ़ने लगी है। शहर में भले ही झारखंड सरकार द्वारा कई आश्रय केंद्र या रैनबसेरा बनाए गए हैं, लेकिन गरीब वहां जाना नहीं चाहते। सड़क के किनारे, पेड़ के नीचे या बंद दुकानों के बाहर छज्जे के नीचे रात गुजारना बेहतर समझते हैं। ऐसे लोगों को देखकर शहर की संस्था वायस ऑफ ह्यूमिनिटी के सदस्यों ने एक बार फिर गरीबों को ठंड से बचाने की मुहिम शुरू कर दी है।
वायस ऑफ ह्यूमिनिटी के संस्थापक हरि सिंह राजपूत के नेतृत्व में युवाओं की टीम रात 11 से दो बजे के बीच शहर में निकल रही है। ये साकची, एग्रिको, गोलमुरी, बर्मामाइंस, बिष्टुपुर, बागबेड़ा, सोनारी कदमा, मानगो, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन तक जाते हैं। वहां पहले इस बात का मुआयना करते हैं कि कौन गरीब ठंड से ठिठुर रहा है। इसके बाद ये युवा उनके शरीर पर चुपचाप कंबल ओढ़ाकर निकल जाते हैं, ताकि उसकी नींद में खलल ना पड़े। हरि सिंह का कहना है कि हमारा प्रयास है कि ठंड की वजह से किसी को अपनी जिंदगी न खोना पड़े। खुले आसमान के नीचे सोने वालों को ठंड से राहत मिल सके। हम युवाओं ने यह अभियान शुरू किया है, जिसे ठंड रहने तक हम जारी रखेंगे।
इस अभियान में संस्था के संस्थापक हरि सिंह राजपूत, संदीप, सूरज, चंदन, गगनदीप, ऋषभ, रौनक, साकेत आदि शामिल हैं। मालूम हो कि शहर के युवाओं की यह संस्था लगातार सामाजिक कार्य करती रहती है। इन युवाओं ने कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन में भी गरीबों के बीच भोजन बांटा था। दीपावली में गरीबों के घरों को रोशन करने के लिए उन्हें दीया, तेल, बाती, बच्चों के लिए फुलझड़ी व पटाखे, मोमबत्ती सहित मिठाई भी दी थी।