एक्सएलआरआइ ने दिया महिला दिवस का तोहफा, केंद्र की स्थापना
नए केंद्र का नेतृत्व एक्सएलआरआइ के संगठनात्मक व्यवहार के क्षेत्र में सहायक प्रोफेसर प्रोफेसर श्रेयशी चक्रवर्ती द्वारा किया जाएगा।
जासं, जमशेदपुर : एक्सएलआरआइ- •ोवियर स्कूल आफ मैनेजमेंट, राष्ट्र की महिलाओं को शक्ति प्रदान करने के प्रयास में, आर्थिक रूप से लाभ में महिलाओं के समावेश पर एक सार्थक प्रभाव बनाने के लिए दिल्ली-एनसीआर परिसर में लैंगिक समानता और समावेशी नेतृत्व का केंद्र स्थापित किया। इस वर्ष के महिला दिवस पर संस्थान का यह खास तोहफा है। इस केंद्र की स्थापना का उद्देश्य उद्योग-अकादमिक इंटरफेस को मजबूत करना है। केंद्र का नाम सेंटर फार जेंडर इक्वेलिटी एंड इनक्लूसिव लीडरशिप रखा गया है। यह केंद्र दिल्ली एनसीआर कैंपस में स्थापित किया गया है। नए केंद्र का नेतृत्व एक्सएलआरआइ के संगठनात्मक व्यवहार के क्षेत्र में सहायक प्रोफेसर प्रोफेसर श्रेयशी चक्रवर्ती द्वारा किया जाएगा।
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ग्यारहवीं कक्षा में ही मिर्जापुर का स्क्रिप्ट लिखने का आया था ख्याल : पुनीत : एक्सएलआरआइ के एनसेंबल वलहल्ला में आइडिया समिट में शनिवार की देर शाम मिर्जापुर के कलाकारों ने अपनी बातें रखी। इस दौरान मिर्जापुर फिल्म बनाने के इतिहास और सेट पर बिताए गए पलों के बारे में विस्तार से बताया। लेखक पुनीत कृष्णा ने बताया कि वे जब 11वीं कक्षा में थे तो तब से उनके दिमाग में मिर्जापुर पर कहानी लिखने का मन बना लिया। इसके लिए वर्ष 2007 से ही प्लानिग कर ली थी। एक-एक चीज को एकत्र किया तथा कई जगहों का दौरा किया, तब जाकर एक सच्ची कहानी बनकर तैयार हुई। इस कारण फिल्म को लोकप्रियता प्राप्त हुई।
फिल्म की अभनेत्री हर्षित गौर ने कहा कि इस फिल्म के निर्माण के दौरान टेंशन हुआ था, चूंकि उन्होंने बचपन से ही टेंशन को झेलना सीख लिया था, इस कारण कोई खास समस्या नहीं हुई। अभिनेता अली फजल ने बनारस में भौकाल बोला जाता है। मिर्जापुर में भोकाल होता है। छोटी-छोटी चीज का बारिकी से अध्ययन किया गया। इसके बाद फिल्म में शब्दों का चयन किया गया। पूरी टीम ने एक परिवार की तरह अपनी जिम्मेदारी निभाई। इसका परिणाम भी सामने आया।