World Suicide Prevention Day : हार नहीं मानिए, इनसे प्रेरणा लीजिए, राधा अब कर रही जॉब, मोहन जी रहा खुशहाल जिंदगी

World Suicide Prevention Day जीवन में कभी भी परेशानी सामने आए तो उसे मन में नहीं दबाएं बल्कि उससे अपने दोस्त परिवार के साथ शेयर करें। इससे उसका समाधान भी निकलता है और मन भी हल्का होता है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Fri, 10 Sep 2021 05:58 PM (IST) Updated:Fri, 10 Sep 2021 05:58 PM (IST)
World Suicide Prevention Day : हार नहीं मानिए, इनसे प्रेरणा लीजिए, राधा अब कर रही जॉब, मोहन जी रहा खुशहाल जिंदगी
बड़ा फायदा यह होता है कि दिमाग में चल रही नकारात्मक बातें हट जाती है।

अमित तिवारी, जमशेदपुर : हर इंसान के जिंदगी में उतार-चढ़ाव आता है। इससे कोई लड़ लेता है तो कोई हार जाता है। जीवन का चक्र घूमते रहता है। हर समय एक समान नहीं होता है। इससे लड़ना इंसान को आना चाहिए। जमशेदपुर की राधा और मोहन (काल्पनिक नाम) की कहानी इसी से जुड़ा हुआ है। दोनों की पहचान गुप्त रखी गई है लेकिन इस घटना से काफी कुछ सोचने, समझने, सीखने व सावधान होने का मौका मिलेगा।

यह घटना 13 माह पूर्व की है। राधा एक कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी। उसका प्रेमी शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया। इस दौरान राधा गर्भवती हो गई। इसके बाद प्रेमी शादी से इंकार कर गया। अब राधा तनाव महसूस करने लगी। इसी बीच एक दिन वह आत्महत्या करने खरकई नदी पहुंच गई। हालांकि, इस दौरान लोगों की नजर उसपर पड़ गई और जान बच गई। इसके बाद उसे बिष्टुपुर स्थित जीवन संस्था में काउंसलिंग की गई। अब राधा एक बीमा कंपनी में जॉब कर रही है। इसी तरह, मोहन अपने पत्नी से लड़ाई कर टाटा नगर स्टेशन पर आत्महत्या करने पहुंच गया था। इस दौरान वह पटरी पर सो भी गया था लेकिन लोगों ने उसकी जान बचा ली थी। इसके बाद उसे भी जीवन संस्था के कार्यालय लाया गया। यहां पर उसे जिंदगी के महत्व को बताया व समझाया गया। अब खुशी-खुशी अपनी जिंदगी जी रहे हैं।

सात माह में 160 लोगों ने गंवाई जान

जीवन में कभी भी परेशानी सामने आए तो उसे मन में नहीं दबाएं बल्कि उससे अपने दोस्त, परिवार के साथ शेयर करें। इससे उसका समाधान भी निकलता है और मन भी हल्का होता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि दिमाग में चल रही नकारात्मक बातें हट जाती है। जमशेदपुर शहर में बीते सात माह में 160 लोगों ने आत्महत्या की है। अगर यह अपनी समस्या घर, परिवार या फिर दोस्तों के साथ शेयर करते तो शायद आज उनकी जान बच जाती। आत्महत्या करने वालों में पुरुषों की संख्या अधिक है।

आत्महत्या करने से पहले इस तरह के संकेत आते हैं सामने

सीडीसी (सेंटर फॉर डीजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन) के अनुसार पांच में एक व्यक्ति जो आत्महत्या करता है उसमें ऐसे कुछ संकेत मिलते हैं। इसमें उसकी बातचीत, उसके द्वारा इंटरनेट मीडिया पर किया जाने वाला पोस्ट, व्यवहार या चाल ढाल में बदलाव सामने आ जाता है। इसमें कुछ इस तरह के लक्षण शामिल होते हैं। जैसे- मृत्यु की बात करने या अपनी हत्या करने की बात करना।

- अत्याधिक गुस्सा

- अपनी दखल दहानी या संपत्ति का त्याग

- वर्जित दवा दारू का अधिकाधिक प्रयोग

- अपने को बहिस्कृत करना/ एकांतवास में जाना

- निराशा, मजबूर और उलझन का अनुभव होते रहना

- अनिद्रा/ घोर अनिद्रा का शिकार

इस साल अभी तक कितने लोगों की आत्महत्या

माह : कुल संख्या : पुरुष : महिला : उम्र 45 से कम : उम्र 45 से अधिक

जनवरी : 18 : 12 : 06 : 16 : 02

फरवरी : 34 : 26 : 08 : 25 : 09

मार्च : 38 : 23 : 15 : 28 : 10

अप्रैल : 18 : 11 : 07 : 15 : 03

मई : 24 : 20 : 04 : 18 : 06

जून : 16 : 12 : 04 : 13 : 03

जुलाई : 12 : 11 : 01 : 08 : 04

कुल : 160 : 115 : 45 : 123 : 37

आत्महत्या एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है। विशेष रूप से वर्तमान समय की महामारी में चिंता, तनाव, अवसाद के मरीजों में यह प्रवृत्ति तेजी से बढ़ी है। आत्महत्या का रोकथाम किया जा सकता है। अगर हम उसके लक्षणों को पहचान लें और ऐसे लोगों, रोगियों को समुचित सहयोग करें तो उनके बहुमूल्य जीवन को बचा सकते हैं।

- डॉ. केशव, मनोचिकित्सक, एमजीएम।

 

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